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गूगल पर बहुत सर्च किये जा रहे थे बिहार के दो युवा शिक्षक..

गूगल पर बहुत सर्च किये जा रहे थे बिहार के दो युवा शिक्षक..

देश-विदेश : बिहार के खान सर और आरके श्रीवास्तव के शैक्षणिक कार्यशैली की दुनिया दीवानी बन चुकी है। खान सर का पढ़ने का तरीका लाजवाब है तो वहीं सिर्फ 1 रूपया गुरु दक्षिणा में आरके श्रीवास्तव ने सैकड़ों गरीब स्टूडेंट्स को इंजीनियर बना दिया है। सैकड़ों मीडिया हाउस पर इनसे जुड़ी ख़बरें व आर्टिकल्स पढ़ने को मिल जाएंगे। गूगल पर लोग उनके बारे में सर्च कर रहे हैं। बिहार की राजधानी पटना के खान सर पूरे देश दुनिया में अपने पढ़ाने के अंदाज के लिए फेमस है। उन्हें देश में एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है।

 

 

दरअसल यूट्यूब इंडिया ने देश के टॉप टेन के क्रियेटर 2020 के लिस्ट में खान सर को भी जगह दिया है। आपको बता देन कि यूट्यूब इंडिया के तरफ से ट्वीट करके इसकी जानकारी दी गई खान सर को यूट्यूब क्रेएटर के रूप में इंडिया में आठवां स्थान मिला है। जो कि एक बड़ी उपलब्धि है। क्योंकि पूरे देश भर में सभी यूट्यूबर युवा को टॉप टेन क्रिएटर में शामिल होने का सपना होता है। खान सर ने 2019 में यूट्यूब ज्वाइन किया था। अब करीब 5 मिलियन से भी ज्यादा सब्सक्राइबर्स बाला यूट्यूब चैनल बन चुका है। यूट्यूब चैनल का नाम यूट्यूब पर खान जीएस रिसर्च सेंटर के नाम से है जहां पर उनके चैनल पर अब तक 249 से अधिक वीडियो है।

 

पढ़ाने के तरीके के फैन्स बने लोग..

यूजर्स टीचर के पढ़ाने के तरीके की तारीफ करते दिखते रहे हैं, यहां तक कि उनके वीडियो को आईपीएस अरुण बोथरा अपने ट्विटर हैंडल से शेयर कर चुके है. वीडियो के साथ अरुण बोथरा ने लिखा था कि ‘अगर मुझे ऐसा शिक्षक मिला होता तो मैंने यूपीएससी टॉप कर लिया होता’, सबसे बड़ी बात कि वो सभी बातें एकदम देसी स्टाइल में बताते हैं। शायद यही वजह है कि लोग इस शिक्षक के पढ़ाने के अंदाज के फैन हो गए हैं।

 

1 रूपया में पढ़ाकर इंजीनियर बनाता है यह शिक्षक..

न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया के इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स के बीच एक चर्चित नाम है आरके श्रीवास्तव। बिहार के आरके श्रीवास्तव ने मैथेमैटिक्स गुरू बन सैकड़ों निर्धन परिवार के स्टूडेंट्स के सपने को पंख लगाए हैं। वह अब तक लाखों युवाओं के रोल मॉडल बन गए हैं। अपने कड़ी मेहनत, पक्का इरादा और ऊंची सोच के दम पर ही शीर्ष स्थान को प्राप्त कर लिया है।करीब एक दशकों से भी अधिक समय से आरके श्रीवास्तव देश के शिखर शिक्षक बने हुए है। देश के टॉप 10 शिक्षकों में भी इन बिहारी शिक्षकों का नाम है। इनके शैक्षणिक कार्यशैली एक दशकों से चर्चा का विषय बना हुआ है।

 

पूरे देश की दुआएं आरके श्रीवास्तव को मिलती हैं। विदेशो में भी इन बिहारी शिक्षकों के पढाने के तरीकों को पसंद किया जाता हैं। उन सभी देशों में भी इनकी शैक्षणिक कार्यशैली को पसंद किया जाता हैं, जहां पर भारतीय मूल के लोग बसे हुए हैं।आरके श्रीवास्तव का व्यक्तित्व सरल है। पिता के गुजरने के बाद अपने पढ़ाई के दौरान गरीबी के कारण उच्च शिक्षा में होने वाले परेशानियों को नजदीक से महसूस किया है। ये शिक्षक बताते है की पैसों के अभाव के कारण हमें बड़े बड़े शैक्षणिक संस्थानों में पढने का सौभाग्य नहीं मिला। ये जरूरतमंद स्टूडेंट्स के सपने को पंख दे रहे जिनकी आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर है, जो आज के समय के कोचिंग की लाखों फी देने में सक्षम नहीं है परन्तु उनका सपना बड़ा है।

 

 

आरके श्रीवास्तव सिर्फ 1 रुपया गुरु दक्षिणा लेकर गणित का गुर सिखाते है।आरके श्रीवास्तव का नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्डस लंदन , इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स, गोल्डेन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो चुका है।बिहार के रोहतास जिले में रहने वाले शिक्षक आरके श्रीवास्तव न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया के इंजीनियरिंग स्टुडेंट्स के बीच एक चर्चित नाम हैं। इनका ‘1 रूपया गुरु दक्षिणा ‘ प्रोग्राम विश्व प्रसिद्ध है। इसके तहत वे आर्थिक रूप से गरीब स्टूडेंट्स को 1 रूपया गुरु दक्षिणा लेकर इंजीनियर बना रहे।

 

आरके श्रीवास्तव की लोकप्रियता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद उनके शैक्षणिक कार्यशैली के तहत आर्थिक रूप से गरीब स्टूडेंट्स को 1 रूपया में इंजीनियर बनाकर राष्ट्र निर्माण मे योगदान के लिये प्रशंसा कर चुके है।

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