उत्तराखंड

घायल की मदद करना जीवन का सबसे बड़ा कार्य: मयूर..

घायल की मदद करना जीवन का सबसे बड़ा कार्य: मयूर..

परिवहन विभाग ने किया फस्र्ट रिस्पांडर को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन..

दुर्घटना को अनदेखा न कर घायल व्यक्ति की मदद करें: डाॅ विशाखा..

 

 

 

 

 

 

 

रुद्रप्रयाग। किसी भी प्रकार की दुर्घटना के दृष्टिगत फस्र्ट रिस्पांडर को लेकर परिवहन विभाग की ओर से एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें वाहन चालक, वाहन स्वामी, वाहन संघ के अध्यक्षों तथा छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया।

प्रशिक्षण कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि दुर्घटना के समय पुलिस, वाहन चालक तथा अन्य व्यक्तियों द्वारा त्वरित कार्यवाही की जाती है, तो उसे फस्र्ट रिस्पांडर कहा जाता है। उन्होने कहा कि दुर्घटना के समय दुर्घटना ग्रस्त व्यक्तियों को जल्द से जल्द राहत एवं बचाव कार्य करने पर उस व्यक्ति का जीवन बचाया जा सकता है।

घटना की सूचना देने वाले व्यक्ति से किसी भी प्रकार की पूछताछ नहीं की जायेगी। कहा कि किसी घायल की मदद करना जीवन का एक सबसे बड़ा कार्य है। यदि आपके द्वारा किसी घायल की मदद की जाती है, तो अपने आप में एक खुशी का अनुभव होता है। उन्होंने कहा कि यदि किसी दुर्घटना में घायल व्यक्ति की सूचना 108 एवं पुलिस हेल्पलाइन में दी जाती है, उस घटना की जानकारी देने वाले को पुरस्कृत किया जायेगा तथा सूचना गुप्त रखी जायेगी। साथ ही पुलिस एवं चिकित्सक द्वारा दुर्घटना के संबंध में किसी प्रकार की जानकारी नहीं ली जायेगी। उन्होंने प्रशिक्षण कार्यशाला के दौरान छात्र-छात्राओं से कहा कि इस कार्य में उनकी अहम भूमिका है।

बच्चे अपने परिवार, अपने आसपास तथा अपने मित्रों को इसके बारे में जानकारी प्रदान करें, जिससे वह भी किसी घायल की मदद करने के लिए आगे बढें। प्रशिक्षण में आये वाहन चालकों से जिलाधिकारी ने कहा कि नींद की हालत एवं नशे की हालत में वाहन न चलाये तथा समय-समय पर चिकित्सक से अपना शाररिक परीक्षण भी अवश्य कराये। उन्होंने कहा कि दुर्घटना कम से कम हो, इस पर सब को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है। कार्यशाला में पुलिस अधीक्षक डॉ विशाखा अशोक भदाणे ने कहा कि यदि किसी प्रकार की दुर्घटना घटित होती है तो उसे अनदेखा न करें, बल्कि दुर्घटना में घायल व्यक्ति की मदद करने का प्रयास करें तथा पुलिस को इसके बारे में जानकारी दें। पुलिस द्वारा उस व्यक्ति से किसी भी प्रकार की पूछताछ नहीं की जाएगी, बल्कि सूचना देने पर व्यक्ति को सम्मानित किया जायेगा।

कार्यक्रम में जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नन्दन सिंह रजवार ने (एमएफआर) मेडिकल फस्र्ट रिस्पांडर पर जानकारी देते हुए कहा कि घटना स्थल पर वह व्यक्ति फस्र्ट रिस्पांडर होता है, जो घटना के समय उपस्थित रहता है तथा उस स्थल से 108 सेवा, पुलिस हेल्पलाइन, आपदा कंट्रोल रूम में जानकारी देता है, तो उनके द्वारा तुरन्त घटना स्थल पर पहुंच कर प्राथमिक चिकित्सा का कार्य करके दुर्घटनाग्रस्त हुए व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाया जाता है। उन्होंने कार्यक्रम में प्राकृतिक आपदाएं तथा मानव जनित आपदाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी एनके ओझा, एआरआई रोमेश अग्रवाल, परिवहन विभाग के समस्त कर्मचारीगण, पुलिस विभाग, एस.डी.आर.एफ., डी.डी.आर.एफ., छात्र-छात्राएं तथा वाहन चालक उपस्थित थे।

 

 

 

 

 

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