उत्तराखंड

शिक्षा विभाग का अजब-गजब कारनामा- मौत के चार साल बाद शिक्षक के ट्रांसफर का आदेश..

शिक्षा विभाग का अजब-गजब कारनामा- मौत के चार साल बाद शिक्षक के ट्रांसफर का आदेश

 

 

 

 

 

 

 

 

रुद्रप्रयाग जिले में मृतक शिक्षक का तबादला किए जाने की खबर वायरल होने के बाद शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने महानिदेशक को जांच के निर्देश दिए हैं। मंत्री का कहना हैं कि तीन दिन के भीतर जांच कर मामले में कार्रवाई की जाए। मंत्री ने इसे घोर लापरवाही मानते हुए संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा।

 

उत्तराखंड: रुद्रप्रयाग जिले में मृतक शिक्षक का तबादला किए जाने की खबर वायरल होने के बाद शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने महानिदेशक को जांच के निर्देश दिए हैं। मंत्री का कहना हैं कि तीन दिन के भीतर जांच कर मामले में कार्रवाई की जाए। मंत्री ने इसे घोर लापरवाही मानते हुए संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा। आपको बता दे कि शिक्षा विभाग में यह पहला मामला नहीं है जब शिक्षक की मौत के बाद उसके तबादले का आदेश हुआ है। इससे पहले भी शिक्षा विभाग में इस तरह के कई कारनामे हो चुके हैं। पिछले साल भी शिक्षा विभाग में सेवानिवृत्त और दिवंगत शिक्षकों के प्रमोशन कर दिए गए थे विभाग की ओर से सहायक अध्यापक एलटी और लेक्चरर के पदों से प्रधानाध्यापकों के पदों पर पदोन्नति की जो सूची जारी की गई थी, उसमें नौ दिवंगत, आठ सेवानिवृत्त और दो ऐसे शिक्षक थे जो पहले ही पदोन्नति पाकर प्रधानाध्यापक बन चुके थे। इस मामले का मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया था। इसके साथ ही शिक्षा विभाग की ओर से भी जांच के निर्देश हुए, लेकिन इतनी बड़ी लापरवाही के बाद भी अब तक किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।

आपको बता दे कि गंभीर बीमार शिक्षक बीरपाल सिंह कुंवर इलाज के लिए सुगम क्षेत्र के स्कूल में अनुरोध के आधार पर तबादला चाह रहे थे, लेकिन विभाग ने उनकी मौत के चार साल बाद अब उनके तबादले का आदेश जारी किया। रुद्रप्रयाग जिले में वार्षिक स्थानांतरण 2022-23 के तहत मृतक शिक्षक के तबादले का प्रकरण सामने आने पर मंत्री ने खासी नाराजगी जताई है। इस मामले में प्रथम दृष्टया विभागीय अधिकारियों की अपने कार्य एवं दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही प्रतीत होती नजर आ रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी को तत्काल विभागीय समिति गठित कर तीन दिन के भीतर जांच कराने के साथ ही लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

 

 

 

 

 

 

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