उत्तराखंड

उत्तराखंड के इन कर्मियों को मिली सौगात, आदेश जारी..

उत्तराखंड के इन कर्मियों को मिली सौगात, आदेश जारी..

 

 

उत्तराखंड: धामी सरकार ने इन कर्मियों को दी बड़ी सौगात बताया जा रहा है कि शासन ने अखिल भारतीय सिविल सर्विसेज प्रतियोगिताओं में पदक प्राप्त सरकारी कर्मचारी / खिलाड़ियों की विशेष वेतन वृद्धि का आदेश जारी किया है। अब इनकी सैलरी बढ़ कर आएगी। जानकारी के अनुसार,शासन ने नई दिल्ली के शासनादेश संख्या-29018/13/ 2015 – AIS-II, दिनांक 03 अगस्त, 2021 के सन्दर्भ में शासन द्वारा सम्यक् विचारोपरान्त लिये गये निर्णयानुसार राज्य सरकार के नियमित कार्मिकों द्वारा अखिल भारतीय सिविल सर्विसेज प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने पर उत्तराखण्ड राज्य द्वारा सरकारी कर्मचारी / खिलाड़ियों को निम्नांकित शर्तों के अधीन पूरे सेवाकाल में 03 (तीन) विशेष वेतन वृद्धि वैयक्तिक वेतन के रूप में दिये जाने की राज्यपाल ने स्वीकृति प्रदान की है।

जारी आदेश में लिखा है कि ऐसी खेल प्रतियोगितायें, जो मान्यता प्राप्त संघो द्वारा राष्ट्रीय / अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित हो, जिनमें राज्य सरकार की सेवा में नियुक्त खिलाड़ी / खिलाड़ियों ने एकल रूप में अथवा मिश्रित रूप में अथवा टीम के रूप में प्रथम, द्वितीय अथवा तृतीय स्थान प्राप्त किया हो, तो प्रत्येक खिलाड़ी को एक विशेष वेतन वृद्धि की अनुमन्यता वैयक्तिक वेतन के रूप में देय होगी परन्तु सम्बन्धित खिलाड़ी के कोच अथवा टीम के मैनेजर को विशेष वेतन वृद्धि की पात्रता नहीं होगी।

सरकारी कर्मचारी / खिलाड़ी को उक्तानुसार प्राप्त विशेष वेतन वृद्धि वैयक्तिक वेतन के रूप में वर्ष में केवल एक बार ही देय होगी, भले ही प्रतियोगिताओं का आयोजन वर्ष में एक से अधिक बार हो और एक से अधिक प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय अथवा तृतीय स्थान प्राप्त किया हो । ये लाभ दिनांक 01 जनवरी, 2016 को अथवा उसके पश्चात् प्रथम, द्वितीय या तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले नियमित कर्मचारियों / खिलाड़ियों को तत्काल प्रभाव से अनुमन्य होगा ।

बताया जा रहा है कि ये सुविधा केवल राज्य सरकार के नियमित कर्मचारियों / खिलाड़ियों पर ही लागू होगी। निगम, सार्वजनिक उपक्रम स्वायत्तशासी संस्था, अर्द्धशासकीय संस्थाओं के कर्मचारियों / खिलाडियों पर यह सुविधा लागू नहीं होगी।उक्तानुसार अनुमन्य विशेष वेतन वृद्धि वैयक्तिक वेतन के रूप उसी दर पर सेवानिवृत्ति तक बनी रहेगी और इसे न तो प्रोन्नति के समय वेतन निर्धारण और न ही सेवानिवृत्ति के लाभों हेतु गणना में लिया जायेगा ।

 

 

 

 

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