उत्तराखंड

पौराणिक रास्तों की खोज पर निकला द ट्रैक हिमालया ट्रेकिंग दल..

पौराणिक रास्तों की खोज पर निकला द ट्रैक हिमालया ट्रेकिंग दल..

त्रियुगीनारायण, सोनप्रयाग व गौरीकुण्ड में किया गया दल का जोरदार स्वागत..

 

 

 

रुद्रप्रयाग। देवभूमि उत्तराखण्ड में कई ऐसे पौराणिक यात्रा मार्ग हैं, जिनको पुनर्जीवित करने के साथ ही उनका संरक्षण किया जाना जरूरी है। इन यात्रा मार्गो के जरिये पूर्व में लोग चारधामों की यात्रा किया करते थे। शासन-प्रशासन अब इन यात्रा मार्गो के संरक्षण को लेकर कार्यवाही कर रहा रहा है। बता दें कि करोड़ों हिन्दुओं की आस्था के प्रतीक चारधामों में हर वर्ष देश-विदेश से तीर्थयात्री पहुंचते हैं। इनमें कुछ लोग वाहन के जरिये धामों को पहुंचते हैं, जबकि कई श्रद्धालु पैदल ट्रेकिंग करना पसंद करते हैं।

 

इसके साथ ही मानसून सीजन पहाड़ी दरकने पर यात्रा मार्ग बंद हो जाते हैं, जिस कारण लोग समय से यात्रा नहीं कर पाते हैं। साथ ही आपदाएं भी पहाड़ों में ज्यादा आती हैं। ऐसे में शासन-प्रशासन की ओर से पौराणिक यात्रा मार्गो की तलाश की जा रही है और उनके सर्वेक्षण और उन्हें पुनर्जीवित करने को लेकर कार्य किया किया जा रहा है। प्रदेश में अवस्थित चारों धामों के दर्शन को प्रयुक्त होने वाले परंपरागत पौराणिक यात्रा मार्गों के सर्वेक्षण एवं पुनर्जीवित करने को लेकर पर्यटन विभाग के तत्वावधान में द ट्रैक हिमालय का 20 सदस्यों का दल 50 दिनों के अंतराल में चारों धाम के अन्तर्गत 1250 किलोमीटर की दूरी तय करेगा।

 

यह दल ऋषिकेश से पैदल रवाना होकर गंगोत्री से होते हुए पंवालीकांठा-त्रियूुगीनारायण पहुंचा। इसके बाद ट्रेकिंग दल के सोनप्रयाग पहुंचने पर जिला पर्यटन विकास अधिकारी सुशील नौटियाल, होटल एसोसिएशन केदारधाम के सचिव नितिन जमलोकी, उपाध्यक्ष प्रमोद नौटियाल व स्थानीय ब्यापारियो ने फूल मालाओं से स्वागत किया। आज प्रातः दल गौरीकुंड में मां गौरी माई के मंदिर पहुंचा, जहां पर पर्यटन अधिकारी एवं दल के सदस्यों ने मंदिर में पूजा अर्चना कर केदारनाथ को प्रस्थान किया। गौरीकुंड मंदिर में स्थानीय व्यापार संघ अध्यक्ष अरविंद गोस्वामी, संजय गोस्वामी व श्रीधर प्रसाद, राकेश कुमार ने फूल माला डालकर दल का स्वागत किया और दल को शुभकामनाएं देकर केदारनाथ की ओर रवाना किया गया।

 

 

 

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