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वो रहस्यमय होटल, जिसकी पांचवीं मंजिल पर जाने से है सख्त मनाही..

वो रहस्यमय होटल

वो रहस्यमय होटल, जिसकी पांचवीं मंजिल पर जाने से है सख्त मनाही..

देश-विदेश : तानाशाह किम जोंग के हुकूमत वाला देश उत्तर कोरिया अपने आप में ही कई रहस्य समेटे हुए हैं। इस देश के लोगों को ना ही दुनिया की बातें पता होती हैं और ना ही बाकी दुनिया के लोगों को यहां की बातें। दुनियाभर में उत्तर कोरिया को एक रहस्यमय देश माना जाता है। आमतौर पर आप किसी होटल में आप उसके हर फ्लोर पर जा सकते हैं या फिर अपना कमरा बुक करा सकते हैं। लेकिन उत्तर कोरिया में एक ऐसा होटल है, जहां की पांचवीं मंजिल पर किसी का भी जाना मना है। इसके पीछे एक गहरा रहस्य छुपा हुआ है।

 

 

दरअसल, उत्तर कोरिया स्थित इस होटल का नाम है यंगाकडो होटल है। यह होटल उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में है। यंगाकडो होटल उत्तर कोरिया का सबसे बड़ा होटल है और साथ ही यहां की सातवीं या आठवीं सबसे ऊंची इमारत में से एक है। यह ताएडॉन्ग नदी के बीच में स्थित यांगाक आइलैंड (द्वीप) पर बना हुआ है।

 

47 मंजिला यंगाकडो होटल में कुल 1000 कमरे हैं। इसमें चार रेस्टोरेंट, एक बाउलिंग एले और एक मसाज पॉर्लर भी है। यह होटल उत्तर कोरिया का पहला लग्जरी होटल है, जिसमें एक कमरे का किराया करीब 25 हजार रुपये है। यह छह साल में बनकर तैयार हुआ है। इसका निर्माण कार्य साल 1986 में शुरू हुआ था और 1992 में बनकर तैयार हो गया था। इसे फ्रांस की कैंपेनन बर्नार्ड कंस्ट्रक्शन कंपनी ने बनाया था, जिसे साल 1996 में आम लोगों के लिए खोला गया था।

 

यंगाकडो होटल से जुड़ी सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात ये है कि इसके लिफ्ट में पांचवीं मंजिल का बटन ही नहीं है। यानी इसका साफ-साफ मतलब है कि लोग बाकी की किसी भी मंजिल पर जा सकते हैं, लेकिन पांचवीं मंजिल पर नहीं। इसको लेकर उत्तर कोरिया ने बेहद ही कड़े और सख्त नियम बनाए हैं, जिसके मुताबिक अगर कोई विदेशी नागरिक पांचवीं मंजिल पर जाता है, तो उसे यहां की जेल में हमेशा-हमेशा के लिए सड़ना भी पड़ सकता है।

 

 

 

साल 2016 में ओट्टो वार्मबियर नाम का एक अमेरिकी छात्र यंगाकडो होटल की पांचवीं मंजिल पर चला गया था, जिसके बाद उत्तर कोरिया की पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया था। आरोप था कि उन्होंने होटल की पांचवीं मंजिल पर लगा एक पोस्टर उखाड़ा था। इसके बाद वहां ओट्टो वार्मबियर के खिलाफ मुकदमा चला और उन्हें 15 साल कैद की सजा सुनाई गई। इतना ही नहीं पूछताछ के दौरान उन्हें बहुत टॉर्चर भी किया गया था। हालांकि, बाद में उन्हें छोड़ दिया गया, लेकिन अमेरिका लौटने के बाद वो कोमा में चले गए और जून 2017 में उनकी मौत हो गई।

 

इस होटल में ठहर चुके एक अन्य अमेरिकी नागरिक कैल्विन सन के मुताबिक, यंगाकडो होटल की पांचवीं मंजिल पर किसी बंकर की तरह छोटे-छोटे कमरे बने हुए हैं और ज्यादातर कमरों में ताले लगे हुए हैं। कमरों की दीवारों पर अमेरिका विरोधी और जापान के खिलाफ पेंटिंग्स बनी हुई हैं। कुछ तस्वीरें उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के पिता किम जोंग इल की भी हैं। कहते हैं कि वहां बनी हर पेंटिंग पर लिखा है, ‘अमेरिका में बनी हर चीज हमारी दुश्मन है। अमेरिका से हम हजार बार बदला लेंगे।

सबसे हैरान करने वाली बात तो ये है कि उत्तर कोरिया की सरकार मानती है कि यंगाकडो होटल में पांचवीं मंजिल है ही नहीं। अब वहां जा चुके लोगों का दावा और उत्तर कोरिया की सरकार का दावा अपने आप में एक रहस्य पैदा करता है। ये दावे सुनकर लोग सोच में पड़ जाते हैं कि आखिर कौन सच बोल रहा है।

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