उत्तराखंड

हिरण को डेढ़ साल तक औलाद की तरह पाला, अब विदाई के वक्त भर आई आंखें..

हिरण को डेढ़ साल तक औलाद की तरह पाला, अब विदाई के वक्त भर आई आंखें..

उत्तराखंड: पालतू जानवरों को परिवार का हिस्सा मानने की वैश्विक प्रवृत्ति बढ़ रही है। वास्तव में, दुनिया भर में लाखों लोग अपने पालतू जानवरों से प्यार करते हैं, उनके साहचर्य का आनंद ले रहे हैं, सैर के लिए जा रहे हैं, खेल रहे हैं और उनसे बात भी कर रहे हैं। और इस बात का सबूत है कि पालतू जानवरों के प्रति लगाव मानव स्वास्थ्य के लिए अच्छा है और यहां तक ​​कि समुदाय बनाने में भी मदद करता है। अधिक से अधिक बार, जानवरों को पारिवारिक कार्यक्रमों में शामिल किया जाता है और परिवार के सभी सदस्यों के लिए महत्वपूर्ण हो जाता है। यह विशेष रूप से एकल-माता-पिता परिवारों में महत्वपूर्ण हो सकता है, जहां एक पालतू जानवर बच्चों का एक महत्वपूर्ण साथी हो सकता है।

 

जिस तरह इंसानों से लगाव होता है उसी प्रकार जीवों से भी लगाव होता है। मगर कहते हैं न जहां प्रेम होता है वहां अलगाव भी तय होता है। चमोली के इस दंपति को भी यह पता नहीं था कि जिस हिरण के बच्चे को वे 18 महीने से अपने शिशु की तरह पाल रहे हैं उसको आखिरकार खुद से अलग करना पड़ेगा। यह भावुक कर देने वाली खबर चमोली से सामने आई है। चमोली में एक दंपति हिरण के बच्चे को पिछले 18 माह से अपने ही बच्चे की तरह पाल रहे हैं और उसकी देखभाल कर रहे हैं।

 

मगर अब हिरण बड़ी हो चुकी है और अब दंपति ने इसको वन विभाग को सौंपने का फैसला लिया है। दंपति का कहना है कि हिरण अब बड़ी हो चुकी है और अब उसको अपने परिवेश में वापस जाने की जरूरत है। यही वजह है कि अब हम उसको वन विभाग को सौंप रहे हैं।चमोली के दर्शन लाल और उनकी पत्नी उमादेवी उदाहरण बनकर समाज के सामने आते हैं और यह साबित करते हैं कि मनुष्यों का वन्यजीवों के प्रति व्यवहार सदैव से ममता और प्यार का रहा है।

 

उमादेवी एवं उनके पति का कहना है कि जूली उनको 4 मार्च 2020 को जंगल में लावारिस पड़ी मिली थी। उस समय वह नवजात थी। उमादेवी ने यह सोचकर उसको नहीं उठाया कि वह भी पैदा हुई है और उसकी मां यहीं कहीं होगी। मगर अगले दिन उमा देवी को उसी स्थान पर ही जूली बेसुध पड़ी हुई मिली तो वह उसी समय उसको घर ले आईं और अपने बच्चे की तरह पालने लगीं। दोनों दंपति ने अपने ही बच्चे कि तरह ही उसका नामकरण किया और उसको नाम मिला जूली।देखते ही देखते 18 महीने हो गए हैं और जूली अब एक परिपक्व हिरण में तब्दील हो चुकी है।

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