उत्तराखंड

मंदिर समिति अध्यक्ष के बयान से चारधाम महापंचायत में आक्रोश..

मंदिर समिति अध्यक्ष के बयान से चारधाम महापंचायत में आक्रोश..

श्रद्धालुओं से दान-दक्षिणा नहीं लेने के बयान के बाद से तीर्थ पुरोहित समाज में बना है आक्रोश..

पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत जैसे हश्र की पंडा-पुजारियों ने दी मंदिर समिति अध्यक्ष को चेतावनी..

 

 

 

 

 

 

चारधामों में तीर्थ पुरोहितों द्वारा श्रद्धालुओं से दान-दक्षिणा ना लेने के बयान के बाद से चारधाम महापंचायत और केदारसभा में बद्री-केदार मंदिर समिति अध्यक्ष अजेन्द्र अजय के खिलाफ आक्रोश फैल गया है।

 

 

 

 

 

 

रुद्रप्रयाग। चारधामों में तीर्थ पुरोहितों द्वारा श्रद्धालुओं से दान-दक्षिणा ना लेने के बयान के बाद से चारधाम महापंचायत और केदारसभा में बद्री-केदार मंदिर समिति अध्यक्ष अजेन्द्र अजय के खिलाफ आक्रोश फैल गया है। बयान से आक्रोशित तीर्थ पुरोहितों ने मंदिर समिति अध्यक्ष को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की याद दिलाते हुए कहा कि देवस्थानम् बोर्ड के खिलाफ तीर्थ पुरोहितों ने केदारनाथ धाम में पूर्व सीएम का विरोध जताकर उन्हें भगाया था। अब तीर्थ पुरोहित मंदिर समिति अध्यक्ष को भी यह चेतावनी दे रहे हैं।

बता दंें कि चारधामों में यात्रा व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने को लेकर बद्री-केदार मंदिर समिति की एक टीम तिरूपति बालाजी, महाकाल और सोमनाथ के प्रबंधन और व्यवस्था का अध्ययन करके लौटी है। टीम ने सुझाव देते हुए रिपोर्ट मंदिर समिति को सौंप दी है। रिपोर्ट का प्रस्तुतिकरण भी हो चुका है और मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद समिति मानक प्रचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करेगी। टीम की ओर से दिये गये सुझावों की बद्री-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष ने पुष्टि की है। इन सुझावों में पुजारियों व कर्मचारियों पर मंदिर में दर्शन के दौरान श्रद्धालुओं से दान-दक्षिणा लेने पर रोक लगाना भी शामिल है, जिसके बाद तीर्थ पुरोहितों में आक्रोश पनप गया है।

चारधाम महापंचायत के उपाध्यक्ष एवं केदारनाथ के वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने कहा कि बद्री-केदार मंदिर समिति अध्यक्ष अजेन्द्र अजय की ओर से बयान दिया गया है कि चारधामों में तीर्थ पुरोहित समाज से जुड़े पंडा-पुजारी देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं से दान-दक्षिणा नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि मंदिर समिति अध्यक्ष को यह हक किसने दिया कि वे पंडा-पुजारियों के मामले में हस्तक्षेप करें। अध्यक्ष अजेन्द्र अजय को पहले मंदिर समिति की व्यवस्थाओं को संभालना चाहिए।

तीर्थ पुरोहितों के हक-हकूकों के साथ छेड़छाड़ करने पर मंदिर समिति अध्यक्ष को पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत जैसा हाल भुगतना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि देवस्थानम बोर्ड को खत्म करने के बाद अब मंदिर समिति अध्यक्ष तीर्थ पुरोहितों के हक-हकूड़ों को छिनने का प्रयास कर रहे हैं, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। तीर्थ पुरोहितों के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए कांग्रेस ने भी उनके सुर में सुर मिलाना शुरू कर दिया है। कांगे्रस प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने कहा कि चारधाम यात्रा में माहौल खराब कर बद्री-केदार मंदिर समिति अध्यक्ष अजेन्द्र अजय का पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत जैसा हश्र होगा।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से सरकार और मंदिर समिति चारधाम हक-हकूकधारियों के अधिकारों में अनावश्यक हस्तक्षेप करने का प्रयास कर रही है, उससे सरकार के जन विरोधी मंशूबे जाहिर होते हैं। यात्रा शुरू होने से पहले राज्य सरकार के प्रतिनिधियों द्वारा ही माहौल को खराब किया जा रहा है और जब सरकार के फैसले की नौबत आती है तो अपने निर्णयों से पल्ला झाड़ती है, मगर तब तक माहौल खराब हो जाता है। नेगी ने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार का कोई भरोसा नहीं है। वहीं जब इस बारे में बद्री-केदार मंदिर समिति अध्यक्ष अजेन्द्र अजय का बयान लिया गया तो उन्होंने जवाब देना मुनासिब नहीं समझा।

 

 

 

 

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