डेढ़ साल पहले हार गई थी प्रधान प्रत्याशी, लेकिन अब 82 वोटों से मिली जीत,पढ़िए पूरी खबर..
उत्तराखंड: एक कहावत हैं कि इतिहास उन्हीं को याद रखता है, जो अपने हक के लिए लड़ना जानते हैं। जिसका एक जीता जागता उदहारण आज हम आपको बताने जा रहे हैं। जिसका नाम है सुषमा देवी। थाला गांव की सुषमा देवी ने अपना हक हासिल करने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी और आखिरकार उसे पाने में कामयाब रही। आज इस महिला को थाला गांव की प्रधान के रूप में जाना जाता हैं। साल 2019 में प्रधान का चुनाव हारने वाली सुषमा देवी ने पुनर्मतगणना के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी।
लोकतंत्र के प्रति विश्वास ने सुषमा को अपने हक के लिए लड़ने की हिम्मत दी। इस तरह उत्तराखंड उच्च न्यायालय के निर्देश पर थाला गांव के प्रधान पद के लिए पुनर्मतगणना हुई और हारी हुई सुषमा देवी को 82 वोटों से विजयी घोषित कर दिया गया। अब सुषमा देवी थाला गांव की प्रधान हैं। ये गांव टिहरी जिले के प्रतापनगर क्षेत्र के अंतर्गत आता है। अक्टूबर 2019 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान थाला ग्राम पंचायत में प्रधान पद के लिए चुनाव हुआ था। यहां पर सुषमा देवी और विनीता देवी के बीच कडा मुकाबला था। मतगणना के दौरान विनीता देवी को 228 और सुषमा देवी को 146 वोट मिले थे।
विनीता देवी 82 वोटों से जीत गई, लेकिन सुषमा देवी अपनी हार स्वीकार करने को तैयार नहीं थीं। हारी प्रत्याशी सुषमा देवी ने अधिकारियों पर मतगणना में धांधली का आरोप लगाते हुए पुनर्मतगणना की मांग को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट के आदेश पर 23 अप्रैल 2021 को थाला के प्रधान पद पर हुए वोटों की पुनर्मतगणना की गई। इस दौरान वोटों की पूरी गिनती ही पलट गई। साल 2019 में 82 वोटों से हारने वाली सुषमा देवी इस बार 82 वोटों से जीत गईं। पूर्व में हारी हुई प्रत्याशी सुषमा देवी के पक्ष में 228 मत और विनीता देवी के पक्ष में 146 मत वैध पाए गए। इस तरह सालों चली कानूनी लड़ाई के बाद सुषमा देवी अब थाला की प्रधान बन गई हैं। एसडीएम ने बीडीओ प्रतापनगर को सुषमा देवी को ग्राम प्रधान का निर्वाचन प्रमाणपत्र देने के आदेश जारी कर दिए हैं।