उत्तराखंड

अधिकारियों पर नकेल कसने के बाद भी छात्र-छात्राओं को समय से नहीं मिल पा रही किताबें..

अधिकारियों पर नकेल कसने के बाद भी छात्र-छात्राओं को समय से नहीं मिल पा रही किताबें..

अटल उत्कृष्ट स्कूलों के छात्रों के पास भी किताबें नहीं..

 

 

 

 

 

 

प्रदेश में हर बार की तरह इस बार भी छात्र-छात्राओं को सरकार की ओर से मिलने वालीं मुफ्त किताबें तय समय पर नहीं मिल पा रही हैं। छह जुलाई से स्कूल खुलेंगे, लेकिन बच्चे बिना किताबों के ही स्कूल जाएंगे।

 

उत्तराखंड: प्रदेश में हर बार की तरह इस बार भी छात्र-छात्राओं को सरकार की ओर से मिलने वालीं मुफ्त किताबें तय समय पर नहीं मिल पा रही हैं। छह जुलाई से स्कूल खुलेंगे, लेकिन बच्चे बिना किताबों के ही स्कूल जाएंगे। यह हाल तब है जब हाल ही में शासन ने पुस्तक वितरण के जिम्मेदारों की नकेल कसी थी।

 

बता दे कि पुस्तक वितरण पूरा होने तक उनका वेतन रोकने के आदेश भी जारी किए थे। इसके बावजूद भी छात्र-छात्राओं को किताबों का इंतजार है। वहीं अधिकारियों की ढिलाई प्रदेश सरकार की कक्षा एक से 12वीं तक के सरकारी स्कूलों में मुफ्त किताबें दिए जाने की योजना पर पानी फेर रही है।

 

आपको बता दे कि प्रदेश सरकार की ओर से अटल उत्कृष्ट स्कूलों को बड़ी उपलब्धी बताया जाता रहा है, लेकिन देहरादून जिले में इन स्कूलों के 9वीं और 10वीं के छात्रों के लिए गणित और सामाजिक विज्ञान की अंग्रेजी की किताबें नहीं पहुंचीं। इन स्कूलों में छात्र-छात्राओं को हिंदी और अंग्रेजी दोनों में पढ़ाया जाना है।

 

वही उत्तराखंड प्रधानाचार्य परिषद के प्रांतीय महामंत्री अवधेश कुमार कौशिक का कहना हैं कि सरकारी स्कूलों के कक्षा एक से 12 वीं तक के छात्र-छात्राओं को मुफ्त किताबें दी जा रही हैं, लेकिन अशासकीय स्कूलों के छात्र-छात्राओं को केवल कक्षा एक से आठवीं तक के छात्रों को मुफ्त किताबें दी जा रही हैं, जबकि 9वीं से 12वीं तक के छात्रों को किताबें नहीं दी जा रही हैं।

 

 

 

 

 

 

 

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