उत्तराखंड

गुलदार के मुंह से मां को खींच लाया साहसिक बेटा..

गुलदार के मुंह से मां को खींच लाया साहसिक बेटा..

उत्तराखंड: पिथौरागढ़ के चंडाक से छह किमी दूर आगर गांव में अपने साहस से बेटा गुलदार के मुंह से मां को बचा लाया। वह गुलदार पर किसी अंजाम की परवाह किए बगैर झपट पड़ा। उसके इस हौंसले के आगे गुलदार को झुकना पड़ा और वह महिला को छोड़कर भाग खड़ा हुआ। घायल का जिला अस्पताल में उपचार चल रहा है।

आगर गांव में माया देवी (59) अपने दो बेटों सुरेश पांडे (42), हरीश पांडे (33) के साथ रहतीं हैं। बुधवार रात खाना खाने के बाद परिवार के अन्य सदस्य सोने की तैयारी में थे। मां माया देवी भी सोने के लिए अपने कमरे में जा रहीं थीं। वह दो ही सीढ़ी चढ़ सकीं थीं कि घात लगाए गुलदार ने उन पर अचानक हमला बोल दिया। हमले के बाद गुलदार ने माया को अपने पंजों में दबा लिया। इसी बीच उनकी चीख सुनकर उनका बड़ा बेटा सुरेश पांडे बाहर की तरफ दौड़ा।

 

 

गुलदार के नीचे दबी मां को देख वह किसी अंजाम की परवाह किए बगैर गुलदार के ऊपर ही टूट पड़ा। गुलदार को उसके हौंसले के आगे हार माननी पड़ी और वह भाग खड़ा हुआ। गुलदार के हमले में घायल महिला खतरे से बाहर बताई जा रही है, लेकिन घटना से पूरे क्षेत्र में दहशत है। वन विभाग के अधिकारी घटना के दूसरे दिन घायल का हाल जानने जिला अस्पताल पहुंचे।

उन्हें घायल महिला के परिजनों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। वन विभाग के अधिकारियों ने घायल महिला के परिजनों से मुआवजे की औपचारिकता पूरी करने की बात कही, लेकिन उनका कहना था कि मुआवजे से अधिक उनकी और अन्य ग्रामीणों की सुरक्षा जरूरी है। बेटे हरीश पांडे ने कहा कि इस घटना के बाद गुलदार के अधिक आक्रामक होने की संभावना है। ग्रामीणों और गांव के छोटे बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए वन विभाग को उसे पकड़ने में तेजी दिखानी चाहिए। मुआवजे से अधिक जरुरी है लोगों की सुरक्षा।

 

 

10 दिन के भीतर क्षेत्र में गुलदार के हमले की दूसरी घटना..

जिला मुख्यालय के नजदीक गुलदार के हमले की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रहीं हैं। क्षेत्र में 10 दिन के भीतर गुलदार के हमले की दूसरी घटना सामने आने के बाद लोगों में दहशत है। बीते 9 दिसंबर को चंडाक सड़क पर निर्माणाधीन जेल के पास घाट काट रही महिला पर गुलदार ने हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया था। इस घटना में किसी तरह उसकी जान बची।

महज 10 दिन बाद ही गुलदार ने पहली घटना से 6 किमी दायरे में एक महिला पर फिर से हमला बोला है। इससे पहले भी इसी क्षेत्र में गुलदार के हमले की घटनाएं सामने आईं हैं। जिला मुख्यालय के नजदीक लगातार हो रही गुलदार के हमले की घटनाओं ने वन विभाग के खोखले दावों की पोल खोलने का काम किया है। इसी क्षेत्र में दो लोगों को मौत के घाट उतारने वाले गुलदार को विभाग ने मारने के दावे किए थे।

 

 

इसके बाद भी गुलदार के हमले की घटनाएं नहीं थम रहीं। 10दिन पहले महिला को घायल करने के बाद वन विभाग ने गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया। बावजूद इसके अब तक गुलदार पकड़ में नहीं आ सका है। फिर से विभाग आगर में पिंजरा लगाने की बात कह रहा है। देखना होगा कि इसमें वन विभाग को कितनी सफलता मिलती है।

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