उत्तराखंड

सिमली मोटर मार्ग पर हो रहे निर्माण को लेकर लोगो मे आक्रोश..

सिमली मोटर मार्ग पर हो रहे निर्माण को लेकर लोगो मे आक्रोश..

उत्तराखंड: असेड सिमली मोटर मार्ग एक बदहाल एक और जहाॅ सरकार द्वारा ग्रामीण क्षे़त्रों को सडक सुविधा से जाडने हेतु प्राथमिक रूप से कार्य किया जा रहा है , वही विभागीय अधिकारी मिलकर सरकार के इस कार्य पर पलीता लगा रहे है व ग्रामीण क्षे़त्रों में कार्यदायी संस्थाओं द्वारा निम्न गुणवत्ता व मानक विहिन कार्यो से ये सडक मार्ग भ्रष्टाचार की भेट चढते जा रहे है जिसका एक उदाहरण नारायबगड विकास खण्ड का नारायण बगड-चोपता मोटर मार्ग है जहाॅ पर कई वार ग्रामीणों द्वारा कार्य की निम्न स्तरिय गुणवता व कार्यों के बारे में विभाग से शिकायत कर चुके है लेकिन विभाग व ठेकेदार का गठजोड़ इस प्रकार है कि ग्रामीणों की शिकायतों को अनदेखा किया जा रहा है ।

 

ग्रामीण संजय मेहरा के अनुसार नारायण बगड-चोपता मोटर मार्ग जो कि 24 किमी है , इस मोटर मार्ग पर कार्यदायी संस्था पीएमजीएसवाई द्वारा सुधारीकरण तथा डामरीकरण का कार्य किया जा रहा है जिस पर कि विभाग द्वारा 18 करोड रू० का इस्टीमेट रखा गया जिसे पुनः बढाया गया है लेकिन इस मोटर मार्ग की गुणवत्ता बहुत ही निम्नस्तरिय है यहॉ न तो डीपीआर के अनुसार कार्य कराया जा रहा है वही बिटमिन, कलवट क्वालटी, व सुपर एलिवेशन व काॅजवे में मानकानुसार कार्य नही हो रहा है, ना ही कोई डम्पिग जोन बनाया गया है जबकि इसकी शिकायत जिलाधिकारी से भी की जा चुकी है लेकिन कोई कार्यवाही नही हो पायी है।

 

वही सरपंच संगठन अध्यक्ष नारायण बगड भगवती प्रसाद सती के अनुसार विभाग द्वारा घटीया स्तरिय कार्य कराये जाने के साथ साथ रेता के स्थान पर लोकल कोरेशन लगाया जा रहा है जिसकी अतिशीघ्र जाॅच होनी चाहिये। वही सरपंच हीरा सिंह जदोडा व सामाजिक कार्यकर्ता भूपेन्द्र सिंह मेहरा के अनुसार प्रयोग किये गये मेटिरियल की गुणवत्ता निम्न स्तरिय है एक ओर जहाॅ रेत के स्थान पर स्थानिय मिटटी का प्रयोग किया जा रहा है।

 

वही दिवालों व कंकरिट में घटिया पत्थरों का प्रयोग किया जा रहा है कई बार अधिकारीयों व कर्मचारियों से इस सम्बन्ध में शिकायत किये जाने के बाद भी गुणवत्ता में कोई सुधार नही हो रहा है । ग्रामीणों के अनुसार यदि विभाग द्वारा यथाशीर्घ कार्यवाही नही की जाती है तो वे आन्दोलन के साथ-साथ माननीय न्यायालय में भी उपरोक्त सम्बन्ध में रिट दायर करेगे।

 

वही इस सम्बन्ध में पीएमजीएसवाई के अधिशासी अभियंता प्रमोद गन गाड़ी से टेलीफोन पर जानकारी लेने की कोशिश की लेकिन उन्होंने फोन उठाना उचित नहीं समझा इससे यह पूरा मामला साबित होता है कि जब विभाग के अधिकारी ही मीडिया कर्मियों का फोन ना उठाते हो तो जनता का फोन उठाने में मैं भी यह अनदेखी करते हैं जनता विभाग पर शिकायत करें तो किस से करें।

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