जानिए कब है शनैश्चरी अमावस्या 2021?
शनि दोष से मुक्ति के लिए करें ये 7 उपाय..
देश-विदेश: हिन्दू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व हैं। यदि यह सोमवार, मंगलवार या शनिवार को होता है, तो इसका महत्व और बढ़ जाता है। इस बार मार्गशीर्ष मास की अमावस्या शनिवार को है, जिसके कारण शनि अमावस्या या शनैश्चरी अमावस्या है।
आपको बता दे कि शनिवार का दिन न्याय के देवता शनि देव की पूजा के लिए समर्पित है। शनि अमावस्या के दिन आप स्नान, दान के बाद कुंडली में व्याप्त शनि दोष के निवारण के लिए ज्योतिष उपाय कर सकते हैं। शनि देव की कृपा से आपको शनि पीड़ा से राहत मिल सकती है और वे आपकी मनोकामनाओं की पूर्ति भी कर सकते हैं। शनि की दृष्टि से स्वयं देव भी नहीं बच पाते हैं।
जानिए कब हैं शनैश्चरी अमावस्या
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, मार्गशीर्ष कृष्ण की अमावस्या तिथि 03 दिसंबर को शाम 04 बजकर 55 मिनट से लग रही है, जो 04 दिसंबर दिन शनिवार को दोपहर 01 बजकर 12 मिनट तक रहेगी। ऐसे में शनैश्चरी अमावस्या 04 दिसंबर को मान्य है।
शनि दोष से मुक्ति के उपाय..
1- शनैश्चरी अमावस्या के दिन स्नान आदि से निवृत होने के बाद व्रत रखें और शनि देव की विधिपूर्वक पूजा करें। उनका सरसों के तेल एवं काले तिल से अभिषेक करें। शनि मंदिर जाकर उनके दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करें। फिर उनसे शनि दोष से मुक्ति के लिए आराधना करें।
2- शनि दोष से मुक्ति के लिए आप शनैश्चरी अमावस्या को शनि मंदिर में पीपल के वृक्ष पर जल अर्पित करें।
3- शनैश्चरी अमावस्या के दिन काले कुत्ते को सरसों तेल लगी रोटी खिला सकते हैं और कौवों को खाना खिला सकते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं।
4- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी के भक्तों को शनि देव कभी परेशान नहीं करते हैं। ऐसे में आप शनैश्चरी अमावस्या को हनुमान जी को चमेली के तेल वाला दीपक दान करें एवं सिंदूर का चोला अर्पित करें।
5- शनि दोष से मुक्ति के लिए आप हनुमान चालीसा या फिर सुंदरकांड का पाठ भी कर सकते हैं।
7- गरीबों की सेवा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं। शनैश्चरी अमावस्या के दिन आप पूजा के बाद गरीबों को काला तिल, वस्त्र, उड़द की दाल, जूते-चप्पल, कंबल आदि का दान कर सकते हैं।