उत्तराखंड

हरीश रावत बोले, कुछ उज्याड़ू बल्द और बकरियां, पूछ रहे मेरा कौन सा चुनाव आखिरी..

हरीश रावत बोले, कुछ उज्याड़ू बल्द और बकरियां, पूछ रहे मेरा कौन सा चुनाव आखिरी..

उत्तराखंड: भाजपा नेताओं की ओर से किए जा रहे हमलों का पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने तल्ख अंदाज में जवाब दिया है। अपने फेसबुक पेज पर एक-एक प्रकरण का जवाब देते हुए हरीश ने लिखा कि कुछ उज्याड़ू बल्द और उज्याड़ू बकरियां, मुझसे पूछ रहे हैं कि मेरा कौन सा चुनाव आखिरी है?

 

उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा जब-जब उत्तराखंडियत पर आक्रमण होगा, किसानों-दलितों के हितों पर चोट पहुंचेगी, महिलाओं का निवाला छीना जाएगा, नौजवानों से रोजगार छीना जाएगा, हरीश रावत श्मशान से भी आकर के खड़ा हो जाएगा। इस समय इन सब वर्गों के अधिकारों पर चोट हो रही है। यह मुझसे कह रही है कि हरीश रावत एक राउंड और होना चाहिए। तुमको 50 साल के हरीश रावत के तरीके से खेल खेलना होगा।

 

डेनिश शराब के बारे में लिखा कि आज भी शराब के स्टोरों, सैन्य कैंटीनों में बिक रही है। उस समय यह जहर थी तो आज अमृत कैसे हो गई? उन्होंने दावा किया कि उन्होंने एक लाख, 37 हजार लोगों को जमीनों का मालिकाना हक दिया, इनमें से ज्यादा दलित और पिछड़े वर्ग के लोग हैं। जमीनों के वर्गीकरणों को समेट करके उनको जमीनों पर मालिकाना हक दिया। यदि यह भू-माफिया को प्रश्रय देना है तो हरीश रावत सबसे बड़ा भूमाफिया है।

 

रेखा ने हरीश पर कसा तंज, दाज्यू ठैरे मूनठेपी, मारखूली बल्द..

फेसबुक पर पूर्व सीएम हरीश रावत के कुछ उज्याड़ू बल्द और उज्याड़ू बकरियां वाले बयान के तुरंत बाद भाजपा सरकार में मंत्री रेखा आर्य का भी तंज भरा बयान सामने आ गया। अपनी फेसबुक पोस्ट में रेखा ने कुमाऊंनी में लिखा- अबकी दाज्यू बोले- खेल खेला होवे, दाज्यू होवे तो जरूर, लेकिन पहले अपनी पार्टी से करो, अभी तो आपकी पहली लड़ाई अपनी पार्टी से है।

 

रेखा ने आगे लिखा-दाज्यू उज्याड़ू बल्द और बकरियां तो एक बार आवाज से वापस भी आ जाते हैं, लेकिन हमारे वहां एक और खतरनाक बल्द होता है, जिसे ‘मारखूली, मुनठेपी बल्द’ कहते हैं। ये बल्द अपने आसपास किसी को फटकने नहीं देता और हमेशा खुद का ही पेट भरने में रहता है। जिसकी प्रवृत्ति से हार कर सभी उसके इर्द-गिर्द से दूर हो जाते हैं और अंत में वह अकेला ही रह जाता है।

 

वही स्थिति अब आपकी भी हो रही है। रेखा ने आगे लिखा दाज्यू आपकी आदत तो रही है, सबको परेशान करो, राज करो। उसी की परिणित रही है कि आप आज अकेले ही चलने को मजबूर हैं। रेखा ने आगे लिखा, दाज्यू आपने एक बात और कही कि जब-जब उत्तराखंडियत पर चोट होगी आप श्मशान से भी आकर खड़े हो जाओगे। लेकिन जब उत्तराखंडियत की नहीं मुख्यमंत्री पद की बात होती है, तब-तब आप जवान हो जाते हैं।

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