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स्कॉलरशिप चाहिए तो आधार को जाति और इनकम सर्टिफिकेट से जोड़ना जरूरी..

स्कॉलरशिप चाहिए तो आधार को जाति और इनकम सर्टिफिकेट से जोड़ना जरूरी..

 

देश – विदेश : केंद्र सरकार सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ी जातियों के सही लाभार्थियों तक 60 लाख मेधावी छात्रवृत्ति की पहुंच सुनिश्चित करने पर काम कर रही है। इसके लिए आधार को जाति-आय प्रमाण पत्र से जोड़कर ऑटोमेटिक वेरिफिकेशन सिस्टम तैयार किया जा रहा है। केंद्र की ओर से यह पहल राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में शुरू की जाएगी। इन राज्यों ने पहले ही लिंकिंग का काम पूरा कर लिया है।

एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सचिवों के साथ बातचीत के बाद उठाया गया है, जहां अनुसूचित जाति के छात्रों को मैट्रिक के बाद की छात्रवृत्ति को पूरी तरह से डिजिटल करने का सुझाव दिया गया था। इसके लिए आधार को जाति प्रमाणीकरण से लिंक करना जरूरी बताया गया। इस सुझाव को स्वीकार कर लिया गया और चालू वित्त वर्ष में सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय द्वारा लागू किया जाएगा।

सरकार से प्री या पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति मिल रही लेकिन..

फिलहाल लाभार्थियों को इस बात की जानकारी नहीं है कि उन्हें सरकार से प्री या पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति मिल रही है। सामाजिक न्याय मंत्रालय ने पाया है कि एक बैंक खाते से 10-12 छात्र लाभार्थी संलग्न हैं। मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, “इससे पता चलता है कि संस्थान द्वारा बैंक खाते का रखरखाव किया जाता है और छात्रों को सीधे राशि का वितरण नहीं किया जाता है। इसका मतलब यह भी है कि उन्हें केंद्रीय योजना का लाभ मिल रहा है, लेकिन वे लाभ से अनजान हैं।”

अपने आप हो जाएगी लाभार्थी की पहचान..

एक बार आधार को जाति और आय प्रमाण पत्र से जोड़ने के बाद प्रत्येक लाभार्थी को केंद्रीय प्रणाली में शामिल किया जाएगा। भाजपा ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपनी जीत का श्रेय सरकारी योजनाओं की सफलता को देते हुए इसके महत्व को रेखांकित किया है। एक बार आधार को प्रमाणपत्रों के साथ जोड़ने के बाद, एक लाभार्थी की पहचान अपने आप हो जाती है। यह प्रणाली सरकार को आधार संख्या टाइप करने और प्रत्येक राज्य द्वारा किए गए लाभार्थियों की जाति और आय प्रमाणीकरण पर विवरण प्राप्त करने में सक्षम बनाएगी।

 

 

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