उत्तराखंड

17 अप्रैल को होगा सल्ट उपचुनाव, किसी विधायक के निधन पर पांचवी बार होगा उपचुनाव..

17 अप्रैल को होगा सल्ट उपचुनाव, किसी विधायक के निधन पर पांचवी बार होगा उपचुनाव..

उत्तराखंड: प्रदेश में सल्ट उपचुनाव किसी इम्तेहान से कम नहीं है। इम्तेहान होगा भाजपा के चार साल के कामकाज का , त्रिवेंद्र की विदाई और तीरथ के आने का , और कसौटी होगी प्रीतम हरदा और कांग्रेस के प्रभाव का लेकिन इस चुनाव को लोग फिलहाल तीरथ सरकार के पहली आम परीक्षा ही मान कर चल रहे हैं। आपको बता दें कि 23 मार्च से नामांकन, 17 अप्रैल को मतदान और 02 मई को मतगणना होगी।

 

सल्ट उपचुनाव में कुल 95 हजार मतदाता भाग लेंगे। एक जनवरी 2021 के आधार पर तैयार मतदाता सूची के अनुसार सल्ट में कुल मतदाताओं की संख्या 95, 241 है, जिसमें 48,682 पुरुष और 46,559 महिला मतदाता हैं। इसके लिए यहां कुल 136 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।

उत्तराखंड राज्य में किसी विधायक के निधन के बाद विधानसभा के लिए उपचुनाव का यह पांचवा मामला है। राज्य में सबसे पहले साल 2004 में द्वाराहाट के विधायक विपिन त्रिपाठी के निधन के बाद खाली हुई इस सीट पर उपचुनाव हुए थे। दूसरी बार वर्ष 2014 में भगवानपुर के विधायक सुरेंद्र राकेश के निधन के बाद खाली हुई सीट पर उपचुनाव हुए। तीसरी बार वर्ष 2018 में थराली के विधायक मगनलाल शाह के निधन के बाद खाली हुई विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए थे।

 

वहीं वर्ष 2019 में वित्तमंत्री प्रकाश पंत के निधन के बाद खाली हुई पिथौरागढ़ सीट पर उपचुनाव हुआ था। अब यह पांचवा मौका है जब सल्ट विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के निधन के बाद उपचुनाव होगा। वहीं, विधायकों के निधन होने के अलावा अन्य स्थितियों में भी प्रदेश में कई सीटों पर उपचुनाव हुए हैं।

 

भाजपा में इस सीट पर पूर्व विधायक स्वर्गीय सुरेंद्र सिंह जीना के परिजनों को टिकट दिए जाने के कयास के बीच ये भी संभावना जताई जा रही है कि खुद सीएम तीरथ सिंह रावत ही सल्ट के जरिए विधानसभा का रास्ता तय कर लें। इधर, कांग्रेस में पूर्व विधायक रणजीत रावत के पुत्र विक्रम रावत और पिछले चुनाव में प्रत्याशी रही गंगा पंचोली की दावेदारी सामने आ रही है।

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