ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन में बनेगी 20 किमी लंबी सुरंग..
उत्तराखंड: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन में पहाड़ के नीचे से 20 किलोमीटर लंबी टनल बनेगी। हिमालयी क्षेत्र में यह अब तक की सबसे लंबी टनल होगी। इसके लिए एलएंडटी कंपनी के साथ रेल विकास निगम ने 3338 करोड़ का अनुबंध किया है। उत्तराखंड में हिमालयी क्षेत्रों में चैनाग 47 प्लस 360 से 63 प्लस 117 किलोमीटर तक यह टनल बनाई जाएगी। इसका निर्माण टनल बोरिंग मैथड (टीबीएम) और न्यू ऑस्ट्रियन टनल मैथड से किया जाएगा। यह हिमालयी भूभाग में तैनात होने वाली सबसे बड़ी टनल बोरिंग मशीन होगी।
टीबीएम के माध्यम से खुदाई की गई टनल की लंबाई 20.807 किलोमीटर होगी, जो हिमालय क्षेत्र में किसी भी परियोजना में अब तक की सर्वाधिक लंबाई है। रेलवे लाइन बहुत ऊबड़-खाबड़ हिमालयी इलाकों को पार करेगी, जिनका अलाइनमेंट जटिल भूगर्भीय परिस्थितियों के साथ हिमालय के थ्रस्ट जोन के समानांतर है।
परियोजना में दोनों किनारों पर लगभग 800 मीटर के तटबंध के साथ 14.577 किलोमीटर अपलाइन और 13.123 किलोमीटर डाउनलाइन टनल का निर्माण शामिल है। 14.577 और 13.123 किलोमीटर में से 10.49 किलोमीटर और 10.317 किमी लंबी सुरंग का उपयोग दो एकदम नई हार्ड रॉक टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) का किया जाएगा।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलमार्ग परियोजना के तहत बनने वाले 12 रेलवे स्टेशनों में से 10 स्टेशन पुलों के ऊपर और सुरंग के अंदर होंगे। इन स्टेशनों का प्लेटफार्म वाला हिस्सा ही खुली जमीन पर दिखाई देगा। 125.20 किलोमीटर लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलमार्ग परियोजना का 84.24 फीसदी भाग (105.47 किलोमीटर) भूमिगत है। खास बात यह है कि ज्यादातर रेलवे स्टेशनों का आंशिक भाग भी सुरंग के अंदर होगा। 12 स्टेशनों में से शिवपुरी और ब्यासी स्टेशन का कुछ ही भाग खुला रहेगा। शेष भाग सुरंग के अंदर और पुल के ऊपर रहेगा।