ऋषि गंगा आपदा- सुरंग में क्षत-विक्षत हालत में मिला एक और शव..
प्रदेश में एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगढ़ जलविद्युत परियोजना आपदा के क्षतिग्रस्त हिस्सों से एक साल से अधिक समय बाद भी सुरंग से शवों के मिलने का सिलसिला जारी हैं। बुधवार शाम को भी परियोजना स्थल पर सुरंग में दो क्षत-विक्षत शव पाए गए।
उत्तराखंड: प्रदेश में एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगढ़ जलविद्युत परियोजना आपदा के क्षतिग्रस्त हिस्सों से एक साल से अधिक समय बाद भी सुरंग से शवों के मिलने का सिलसिला जारी हैं। बुधवार शाम को भी परियोजना स्थल पर सुरंग में दो क्षत-विक्षत शव पाए गए। अधिकारियों का कहना हैं कि बुधवार को जब मलबे की सफाई की जा रही थी, तब हिमनद आपदा के शिकार हुए एक अन्य व्यक्ति का सिर और शरीर का एक हिस्सा इंटेल टनल के अंदर पाया गया।
आपको बता दे कि फरवरी 2021 में एक हिमनद फटने से ऋषि गंगा और धौली गंगा नदियों में अचानक बाढ़ आ गई थी, जिसने ऋषि गंगा जलविद्युत परियोजना को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया था और एनटीपीसी की तपोवन विष्णुगढ़ पनबिजली परियोजना के प्रमुख हिस्सों को धौली गंगा पर बनाया जा रहा था।
इन परियोजनाओं की सुरंगों के अंदर काम करने वाले 200 से अधिक लोग इस त्रासदी में मारे गए। एनटीपीसी की परियोजना की सुरंगों में अभी भी कई टन मलबे में शव फंसे हुए हैं। बुधवार को मिले शव की पहचान जोशीमठ के पास ढाक गांव के हरीश सिंह के रूप में हुई है। दूसरे शव की अभी शिनाख्त नहीं हो पाई है। पुलिस का कहना हैं कि त्रासदी के बाद कुल 205 लोगों के लापता होने की खबर है, जिनमें से अब तक 82 शव और एक मानव अंग मिला है।