उत्तराखंड

लक्ष्मण ने काटी शूर्पणखा की नाक, रावण ने किया सीता का हरण..

बच्छणस्यूं क्षेत्र के जुंटाई गांव में रामलीला का आयोजन..

धैर्य और संयम की प्रतिमूर्ति हैं रामः मोहित

रुद्रप्रयाग: बच्छणस्यूं क्षेत्र के जुंटाई गांव में आयोजित रामलीला मंचन के सातवें दिन सीता हरण लीला का मंचन किया गया। रामलीला मंचन के दौरान राम को देखने के बाद शूर्पणखा उन पर मुग्ध हो गई। उसने अपना परिचय राम को इस तरह दिया कि मैं इस प्रदेश में स्वेच्छाचारिणी राक्षसी हूं। यहां मुझसे सब भयभीत रहते हैं। विश्रवा का पुत्र बलवान रावण मेरा भाई है। और मैं तुमसे विवाह करना चाहता हूं। राम ने उसे बताया कि उनका विवाह हो गया है, लेकिन उनका छोटा भाई अविवाहित है तो वो उनके पास जाए।

लक्ष्मण के पास जाकर भी शूर्पणखा ने विवाह का प्रस्ताव रखा लेकिन लक्ष्मण ने उन्हें मना कर दिया और राम के पास वापस जाने के लिए कहा। तब राक्षसी शूर्पणखा ने कहा कि वो अभी सीता को मार देगी तो कोई आपके विवाहित होने की समस्या नहीं बचेगी और वो सीता को मारने के लिए जैसी ही आगे बढ़ी, तभी लक्ष्मण ने शूर्पणखा की नाक काट दी थी। इस बात से क्रोधित होकर शूर्पणखा अपने भाई खर के पास गईं तो खर ने राम और लक्ष्मण को मारने के लिए राक्षस भेजे लेकिन राम ने सभी राक्षसों को मार दिया। शूर्पणखा अधिक क्रोधित होकर रावण के पास गई तब रावण ने अपनी बहन को आश्वासन दिया कि उसके इस अपमान का वो बदला लेकर रहेगा।

 

 

रावण ने उसके बाद सीता का अपहरण किया। वहीं कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे जन अधिकार मंच के अध्यक्ष और उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने कहा कि भगवान राम की लीला से सीखकर हम जीवन में हम आगे बढ़ सकते हैं। राम का पूरा जीवन आदर्शों, संघर्षों से भरा पड़ा है। राम सिर्फ एक आदर्श पुत्र ही नहीं, आदर्श पति और भाई भी थे। भारतीय समाज में मर्यादा, आदर्श, विनय, विवेक, लोकतांत्रिक मूल्यों और संयम का नाम राम है। जो व्यक्ति संयमित, मर्यादित और संस्कारित जीवन जीता है। निःस्वार्थ भाव से उसी में मर्यादा पुरुषोत्तम राम के आदर्शों की झलक परिलक्षित हो सकती है। राम के आदर्श लक्ष्मण रेखा की उस मर्यादा के समान है जो लांघी तो अनर्थ ही अनर्थ और सीमा की मर्यादा में रहे तो खुशहाल और सुरक्षित जीवन।

इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता विनोद कठैत, प्रदीप नेगी, प्रकाश रावत, रामलीला कमेटी के संरक्षक जगत नेगी, अध्यक्ष विक्रम नेगी, सचिव हरी नेगी, कोषाध्यक्ष रामदयाल रावत, कैलाश, डॉ प्रकाश चमोली, सोबन सिंह नेगी, अंकित रावत, जय किशन नौटियाल, देव कंडारी भूपेंद्र साहिल, मदन पटवाल, बलबीर कठैत, ओम प्रकाश जुगरान, रामप्रकाश, गौतम नेगी, प्रदीप रावत, महिला मंगल दल अध्यक्ष बबली देवी, तबला वादक अमन भंडारी, सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद थे। मंच का संचालन सोबन नेगी व बलबीर पटवाल ने संयुक्त रूप से किया।

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