जानिए सितंबर माह का पहला प्रदोष व्रत कब है..
व्रत का महत्व, पूजा विधि और पूजन सामग्री..
देश-विदेश: हिंदू धर्म में त्रयोदशी को बेहद शुभ माना जाता है। त्रयोदशी तिथि भगवान शंकर को समर्पित होती है। इस दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है। हर माह में त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत पड़ता है। माह में दो बार प्रदोष व्रत पड़ता है। एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। साल में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं। इस दिन विधि- विधान से भगवान शिव की पूजा- अर्चना की जाती है।
शनि प्रदोष व्रत 4 सितंबर 2021 को है। शनिवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शंकर के साथ शनिदेव की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
प्रदोष व्रत का महत्व..
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सप्ताह के सातों दिन के प्रदोष व्रत का अपना विशेष महत्व होता है।
बुध प्रदोष व्रत करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है।
इस व्रत को करने से संतान पक्ष को लाभ होता है।
प्रदोष काल में की जाती है पूजा
प्रदोष काल में पूजा..
प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में की जाती है। प्रदोष काल संध्या के समय सूर्यास्त से लगभग 45 मिनट पहले शुरू हो जाता है।