उत्तराखंड

केदारनाथ पहुंचे पूर्व सीएम त्रिवेंद्र का तीर्थ पुरोहितों ने किया विरोध..

केदारनाथ पहुंचे पूर्व सीएम त्रिवेंद्र का तीर्थ पुरोहितों ने किया विरोध..

पुरोहितों ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को संगम पुल से आगे नहीं जाने दिया..

 

 

 

उत्तराखंड: देवस्थानम बोर्ड भंग नहीं होने से केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों में रोष है। सोमवार को केदारनाथ पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का तीर्थ पुरोहित समाज ने विरोध किया। त्रिवेंद्र सिंह रावत को संगम स्थित पुल से आगे नहीं जाने दिया गया। तीर्थपुरोहित एवं हक-हकूकधारियों ने इस दौरान खूब नारेबाजी की और उनका जमकर विरोध किया।

 

 

तीर्थ पुरोहितों ने सोमवार को गंगोत्री बंद रखने का निर्णय लिया..

वहीं उत्तराखंड सरकार के आश्वासन के बाद भी देवस्थानम बोर्ड व एक्ट वापस नहीं होने पर तीर्थ पुरोहितों ने सोमवार को गंगोत्री बंद रखने का निर्णय लिया है।

 

30 अक्तूबर तक देवस्थानम बोर्ड भंग कर करने का दिया था आश्वासन.

रविवार को श्री पांच गंगोत्री मंदिर समिति से जुड़े तीर्थ पुरोहितों व हक हकूकधारियों ने बैठक कर देवस्थानम बोर्ड व एक्ट के मुद्दे पर चर्चा की। बैठक में वक्ताओं का कहना हैं कि 11 सितंबर को सीएम के साथ हुई वार्ता में 30 अक्तूबर तक देवस्थानम बोर्ड भंग कर करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक सरकार ने इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है।

 

रैली निकालने का निर्णय लिया..

बैठक में सभी ने सोमवार को गंगोत्री धाम में व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद करने, भागीरथी घाट पर होने वाले पूजा पाठ कार्य बंद रखने व रैली निकालने का निर्णय लिया है। इस दौरान सह सचिव राजेश सेमवाल, इंद्रदेव सेमवाल, संजय सेमवाल, गणेश सेमवाल, कमलनयन सेमवाल, आशाराम सेमवाल, अंबरीश सेमवाल, माधव सेमवाल, बद्रीप्रसाद सेमवाल आदि शामिल थे।

 

 

 

 

 

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