लोग नहीं जा रहे कोरोना का टीका लगाने, तो घर-घर जाकर जागरूक कर रही टीम..
देश-विदेश : कोरोना की अच्छी खासी मार झेलने के बाद देश में इसके टीके लगाए जाने का काम शुरू हुआ तो हालात सुधरने की उम्मीद जगी है। फिलहाल 60 साल की उम्र से अधिक और गंभीर रोगों वाले 45 से अधिक की उम्र के लोगों को वैक्सीन दी जा रही है। लेकिन इस टीकाकरण को लेकर लोगों में डर के चलते प्रक्रिया काफी धीमी है और बेहद कम लोग ही इसके लिए आ रहे हैं। टीकाकरण की दर काफी कम होने के चलते अब दिल्ली में जिला स्तर की टीमें घर-घर जाकर जागरुकता फैलाने का काम कर रही हैं।
एक सरकारी अधिकारी ने जानकारी दी है कि ये टीमें लोगों को केंद्र के कोविन सिस्टम के जरिए वैक्सीन स्लॉट रजिस्टर और बुक करने में मदद भी कर रहे हैं और जरूरत को देखकर उनके लिए आने जाने की व्यवस्था भी कर रहे हैं। दिल्ली के मुख्य सचिव विजय देव ने कहा कि हम अधिक लोगों को टीका देकर टीकाकरण अभियान को बढ़ाना चाहते हैं। घर-घर जाना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमें यह सुनिश्चित करना है कि बड़ी संख्या में लोग इस बीमारी से जल्द से जल्द सुरक्षित हो जाएं।
देशभर में एक बार फिर संक्रमण के अचानक बढ़ने के बाद सरकार ने ये फैसला लिया है । भारत में नए कोविड -19 मामलों की सात-दिन की औसत महामारी की पहली लहर के अंत के बाद देखी गई बढ़त से 67% अधिक है। अब आंकड़े एक बार फिर से डराने लगे हैं।
सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक 16 जनवरी के बाद से, जब स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों के साथ देश भर में टीकाकरण अभियान शुरू किया गया था, दिल्ली में 664,620 लोग – जो यहां की कुल आबादी का लगभग 3.3% – वैक्सीन की पहली खुराक प्राप्त कर चुके हैं। इनमें 173,408 स्वास्थ्य कार्यकर्ता, 264,282 फ्रंट लाइन के कार्यकर्ता, 60 वर्ष से अधिक आयु के 196,007 लोग और 45-59 आयु वर्ग के 30,923 लोग शामिल हैं। दिल्ली में वर्तमान में 192 हेल्थ केयर फैसिलिटीद में 438 वैक्सीन साइटें हैं। इनमें से 56 सरकारी सुविधाएं हैं, जहां टीके मुफ्त में लगाए जाते हैं और 136 निजी हैं जो एक खुराक के लिए 250 रुपये लेती हैं।