उत्तराखंड

रुद्रप्रयाग में यात्रियों को रजिस्ट्रेशन के नाम किया जा रहा परेशान..

रुद्रप्रयाग में यात्रियों को रजिस्ट्रेशन के नाम किया जा रहा परेशान..

जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमंत तिवाड़ी ने जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग को लिखा पत्र..

 

 

 

 

 

रुद्रप्रयाग जिले में रजिस्ट्रेशन के नाम पर यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशान किया जा रहा है । हजारों रुपए खर्च करने के बाद यात्री जब रुद्रप्रयाग पहुंच रहा है। तो बिना दर्शन किये ही कुछ यात्रियों को वापस भेजा जा रहा हैं। केदारनाथ धाम के पास से जब बिना दर्शन किए वापस भेजा जाएगा तो उस यात्री पर क्या गुजरेगी। क्या संदेश लेकर देवभूमि उत्तराखंड व जनपद से जाएगा यह गंभीर विषय है।

 

उत्तराखंड: कोरोना की पाबंदियां खत्म होने के साथ इस बार चारधाम यात्रा शुरुआत से ही अपने चरम पर है, चारों धाम में रिकॉर्ड श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं। दो साल बाद शुरु हुए चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं में खासा उत्साह नजर आ रहा है। लेकिन चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को रजिस्ट्रेशन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। बता दे कि रुद्रप्रयाग जिले में रजिस्ट्रेशन के नाम पर यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशान किया जा रहा है । हजारों रुपए खर्च करने के बाद यात्री जब रुद्रप्रयाग पहुंच रहा है। तो बिना दर्शन किये ही कुछ यात्रियों को वापस भेजा जा रहा हैं। केदारनाथ धाम के पास से जब बिना दर्शन किए वापस भेजा जाएगा तो उस यात्री पर क्या गुजरेगी। क्या संदेश लेकर देवभूमि उत्तराखंड व जनपद से जाएगा यह गंभीर विषय है। अतिथि देवो भवः की भावना से चलने वाला राज्य व जिला ।अतिथियों का तिरस्कार कर रहा है यह सरासर गलत है । इससे केदारघाटी की जनता में भी शाशन व प्रशासन के खिलाफ आक्रोश बना हुआ हैं।

 

इस मामले में जिला पंचायत उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित सुमंत तिवाड़ी ने भी जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग को पत्र लिखा हैं। जिसमें उनका कहना हैं कि केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं के रजिस्ट्रेशन व संख्या सीमा खत्म की जाए. उनका कहना हैं कि गुप्तकाशी से लेकर केदारनाथ तक सभी होटल ज्यादातर खाली हैं। जिसका मुख्या कारण चैकिंग पोस्ट से यात्रियों को वापस भेजा जाना हैं। तीनों धामों की यात्रा करने के बाद यात्रियों को केदारनाथ जाने से रोका जा रहा हैं जो कि सरासर गलत हैं रुद्रप्रयाग एक ऐसा जिला हैं जहां लाखों खर्च कर आ रहे यात्रियों को वापस भेजा जा रहा हैं। तिवारी ने सरकार शाशन- प्रशासन को अवगत कराकर श्रद्धालुओं की संख्या सीमा ख़त्म करने और यात्रियों को परेशान न करने का आग्रह किया हैं। उनका कहना हैं कि यदि 3 जून तक व्यवस्था नहीं ठीक हुई तो 4 जून को धरना प्रदर्शन किया जाएगा। साथ ही मुख्यालय जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग व सभी मुख्य बाजारों में सरकार शासन व प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन व रैली की जाएगी।

 

 

 

 

 

 

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