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जहां से मां 27 वर्ष पहले हुई थी पास आउट, वहीं से बेटा बना लेफ्टिनेंट..

जहां से मां 27 वर्ष पहले हुई थी पास आउट, वहीं से बेटा बना लेफ्टिनेंट..

जहां से मां 27 वर्ष पहले हुई थी पास आउट, वहीं से बेटा बना लेफ्टिनेंट..

 

 

अकादमी के अनुसार, लेफ्टिनेंट रजत पहले ऐसे सैन्य अधिकारी हैं, जिनकी मां भी यहीं से पास आउट हैं। वे सैन्य सेवा में आई अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी से हैं। मेजर स्मिता की पुरानी तस्वीर भी जारी हुईं, जिसमें वे कैडेट के तौर पर सैन्य यूनिफॉर्म में हैं।

ओटीए चेन्नई के पासिंग आउट समारोह में इस बार लेफ्टिनेंट रजत रंजन केरोन ऐसे कैडेट थे, जिनकी मां भी 27 साल पहले यहीं से प्रशिक्षण ले चुकी हैं। उनकी मां मेजर (रिटायर्ड) स्मिता चतुर्वेदी 1995 बैच की पास आउट हैं। यही नहीं, अब ले. रंजन अपने पिता की ही रेजीमेंट में कमीशन हुए हैं।

अकादमी के अनुसार लेफ्टिनेंट रजत पहले ऐसे सैन्य अधिकारी हैं, जिनकी मां भी यहीं से पास आउट हैं। वे सैन्य सेवा में आई अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी से हैं। मेजर स्मिता की पुरानी तस्वीर भी जारी हुईं, जिसमें वे कैडेट के तौर पर सैन्य यूनिफॉर्म में हैं। उन्होंने वीडियो संदेश में सभी कैडेट्स को शुभकामनाएं दीं और अपने समय से तुलना करते हुए कहा कि अकादमी में अब मैस व कैडेट्स के रहने के लिए नई इमारतें बन गई हैं। अकादमी से इस बार 125 पुरुष और 41 महिला कैडेट्स पास आउट हुए। 28 विदेशी कैडेट्स ने भी प्रशिक्षण पूरा किया, जो भूटान और मालदीव से थे। मालदीव के चीफ ऑफ डिफेंस फोर्स मेजर जनरल अब्दुल शामल ने पासिंग आउट समारोह रिव्यू किया।

नई पीढ़ी हमसे कहीं आगे : मेजर स्मिता..

मेजर स्मिता ने इसे अपने लिए शानदार क्षण बताया। उन्होंने गर्व से कहा, नई पीढ़ी हमसे कहीं आगे हैं। उनके सामने बहुत सी नई चुनौतियां हैं, लेकिन यह अच्छी बात है कि वे इनसे निपटने में सक्षम हैं। उन्होंने इसका श्रेय ओटीए प्रशिक्षण को दिया।

चौथी पीढ़ी से दो भाई भी अधिकारी बने..

अकादमी ने ले. अमरबीर संधू और ले. राजबीर संधू की अपने परिवार के साथ तस्वीरें जारी कीं। यह दोनों भाई अपने परिवार से सैन्य सेवा में आने वाली चौथी पीढ़ी हैं। इसे दुर्लभ और गर्व का क्षण बताया।

 

 

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