उत्तराखंड

जोशीमठ में स्टेडियम की मांग लेकर पैनखण्डा युवा संघर्ष समिति का धरना प्रदर्शन नौवे दिन भी जारी…

स्टेडियम की मांग को लेकर पैनखण्डा युवा संघर्ष समिति का धरना नौवें दिन भी जारी।

बद्रीनाथ विधानसभा के सीमांत ब्लॉक जोशीमठ में चल रहा है धरना प्रदर्शन…

पैनखण्डा युवा संघर्ष समिति विगत 9 दिन से कर रही है धरना प्रदर्शन…

खेल मैदान (स्टेडियम) को एक सूत्रिय माँग उड्डयन विभाग से खेल विभाग के नाम भूमि स्थानातंरण माँग को लेकर आंदोलनरत है युवा 

युवा सामाजिक कार्यकर्ता भगवती प्रसाद मैंदोली ने किया पैनखण्डा युवा संघर्ष समिति का समर्थन 

जोशीमठ : बद्रीनाथ विधानसभा के सीमांत ब्लॉक जोशीमठ के रवि ग्राम के खेल मैदान (स्टेडियम) को एक सूत्रिय माँग उड्डयन विभाग से खेल विभाग के नाम भूमि स्थानातंरण माँग को लेकर विगत कहीं दिनों से पैनखण्डा युवा संघर्ष समिति आंदोलनरत है, समिति द्वारा क्रमिक धरना प्रदर्शन नौवे दिन भी जारी रखा गया,

सीमांत ज़िला जोशीमठ में आंदोलनकारियों की की प्रमुख माँग है जो की जब यहाँ के युवाओं द्वारा भिन्न भिन्न खेलो के जरिये देश विदेश में अपना नाम कमा चुके है आज वही जोशीमठ स्थानीय लोगों के लिए स्टेडियम के लिए तरस रहा है । जहाँ आज हमारी सरकारें खेलो इंडिया खेलो, खेलेगा इंडिया तभी बढ़ेगा इण्डिया जैसे नारे लगा कर खेलो को बढ़ावा देने का काम कर रही है वही सरकार का ये दोहरा चरित्र आज किसी से छुपा नही है,

इस आंदोलन की सुरूवात तब हुई थी जब इस आंदोलन से जुड़े सक्रिय सदस्य भाई समीर डिमरी जी अपने व्यक्तिगत कार्य को लेकर 6 जून को तहसील परिसर पहुँचे तो पता चला पिडकुल विभाग यहाँ की भूमि को उड्डयन विभाग के नाम स्थानांतर कर चुका है तो वही से इस आंदोलन को जन्म लेने की आवश्यकता पड़ी और रविग्राम के खेल मैदान को जनमानस और स्थानीय युवाओं के लिए खोला जायँ इस आंदोलन को करते विधायक नेताओं के आवासन से ढाई तीन महीने गुजरने के बाद भी जब कोई ठोस निर्णय नही निकला तो समिति के सदस्य अध्यक्ष समीर डिमरी और ललित थपलियाल पूरी टीम ने 29 अगस्त से इस आंदोलन को उग्र रूप देकर तहसील परिसर में क्रमिक अनशन शुरू कर दिया ।

आंदोलन को कहि स्थानीय समाजिक कार्यर्ताओ और युवाओ का समर्थन मिल रहा है, सामाजिक कार्यकर्ता भगवती प्रसाद मैंदोली बताते है की वो कई दिनों से इस आंदोलन को सोशल मीडिया और अन्य माध्यम से देख रहे थे पर व्यस्तता के कारण वो इस आंदोलन से जुड़ नहीं पा रहे थे, आज उन्हें आंदोलन से जुड़ने का मौक़ा मिला है भगवती बताते है की वो आंदोलनकारी संघर्ष को सलाम करते है जिन्होंने पूरे विकासखण्ड की माँग और आने वाले भविष्य के होनहारों के लिए खेल मैदान की लड़ाई लड़ रहे हैं ये निश्चित ही पूरी होगी,  उन्होंने कहा , जिसने आज खेलो में राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय खिलाड़ियों की पहचान दी वो विकासखण्ड आज एक खेल मैदान के लिए तरस रहा है अगर ऐसी भावना हमारी सरकारों की रहेगी तो “कैसे खेलेगा इंडिया और कहाँ बढ़ेगा इंडिया” आज तक जितने विधायक आए तो वो सिर्फ़ प्रलोभन देने लगे आजकल क्या प्रतिनिधि को इतना समय लगता है इस महत्वपूर्ण कार्य को करने में या आप चुनाव का इंतज़ार कर रहे हैं अपनी पीठथपथपाने का मौक़ा ढूँढ रहें हैं आख़िर कब सूरत बदलेगी काम करने वाले विधायक की न की प्रलोभन देने वाले विधायक की जनता समझदार हो चुकी है

 

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