उत्तराखंड

अगस्त्य मन्दिर के मठाधीश के निधन से घाटी में शोक की लहर..

अगस्त्य मन्दिर के मठाधीश के निधन से घाटी में शोक की लहर..

पैत्रिक घाट पुराना देवल में सैकड़ों लोगों ने गमगीन माहौल में दी अंतिम विदाई..

 

 

 

 

रुद्रप्रयाग। मंदाकिनी घाटी के आराध्य महर्षि अगस्त्य मन्दिर के मठाधीश पंडित अनुसूया प्रसाद बेंजवाल के आकस्मिक निधन से घाटी में शोक की लहर छा गई है। वे पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे और देहरादून में स्वास्थ्य लाभ ले रहे थे कि अचानक दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। शुक्रवार को मन्दाकिनी तट पर उनके पैत्रिक घाट पुराना देवल में सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में उनका अन्तिम संस्कार किया गया।

मूल रूप से बेंजी गांव के निवासी 65 वर्षीय अनुसूया प्रसाद बेंजवाल धार्मिक समाजिक कार्यो मे बढ़-चढ़कर सहयोग करने के साथ ही अपने कार्यकाल में मंदिर प्रबंधन व्यवस्थाओं को मजबूत करते हुए उन्होंने जीर्ण-शीर्ण हो चुकी मंदिर धर्मशाला का पुनः भव्य निर्माण करवाने के लिए जाने जाते है। वर्ष 2010 में आपके ही सदप्रयासों से भगवान अगस्त्य के ऐतिहासिक रजत स्वर्ण ढोल बनकर भगवान अगस्त्य को समर्पित हुआ। विद्वत वंश परंपरा में ज्योतिष के मूर्धन्य विद्वान दिवाकर दत्त बेंजवाल के सुपौत्र और आराध्य मुनि महाराज के वरदहस्त प्राप्त विद्वान चक्रधर प्रसाद बेंजवाल के सुपुत्र के रूप में उनका जन्म नाकोट अगस्त्यमुनि में हुआ। इनके पिता भी पूर्व में अगस्त्यमुनि मंदिर के लिख्वार और मठाधीश रह चुके हैं। वर्ष 2004 में स्वर्गीय अनुसूया प्रसाद को सर्वसम्मति से अगस्त्यमुनि मंदिर का नया मठाधीश बनाया गया। इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए सर्वप्रथम मंदिर की पुरानी जीर्ण-शीर्ण धर्मशाला के स्थान पर साधु-संतों और जरूरतमंद तीर्थ यात्रियों के लिए भव्य धर्मशाला का निर्माण करवाया। इसके साथ ही मंदिर की पुरानी भोगमंडी, क्षेत्रपाल मंदिर, नया प्रवेश द्वार और भव्य कीर्तन भवन का निर्माण उनके कार्यकाल की उपलब्धि रही।

समय-समय पर घाटी में आयोजित हुए धार्मिक आयोजनों यज्ञों में अगस्त्यमुनि मंदिर से प्रचुर मात्रा में सहायता पहुंचाई। इइनकी अध्यक्षता में मंदाकिनी घाटी की सुप्रसिद्ध अगस्त्य आदर्श रामलीला ने भी प्रसिद्धी के नये आयाम छुंए। धर्म, परंपराओं के संरक्षण और रंगमंच को संवारने में विशिष्ट योगदान के लिए मंदाकिनी घाटी सदैव आपकी ऋणी रहेगी। शुक्रवार प्रातः मंदाकिनी नदी तट पर स्थित पुराना देवल घाट में बड़ी संख्या में उपस्थित जनता के समक्ष उनके पुत्र योगेश बेंजवाल, करन बेंजवाल द्वारा मुखाग्नि दी गई। मठाधीश अनुसूया बेंजवाल के निधन पर केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत, पूर्व विधायक मनोज रावत, पूर्व राज्यमंत्री अशोक खत्री, नगर पंचायत अध्यक्ष अगस्त्यमुनि अरूणा बेंजवाल, अगस्त्य आदर्श रामलीला समिति के अध्यक्ष सुशील गोस्वामी, केदारनाथ बद्रीनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेन्द्र अजय, पूर्व प्रमुख विनोद चंद, पूर्व कनिष्ठ प्रमुख रमेश बेंजवाल, सरपंच नाकोट हर्षवर्धन बेंजवाल, पूर्व प्रधान नाकोट बलवीर लाल, पूर्व प्रमुख प्रधान संगठन विक्रम सिंह नेगी, जिला पंचायत सदस्य कुलदीप कंडारी, नपंसभासद दिनेश बेंजवाल, उमा भट्ट, राजेश नेगी, पूर्व प्रधान कंुवरलाल, पूर्व राज्य मंत्री बीना बिष्ट सहित बड़ी संख्या में सामाजिक सरोकारों से जुड़े लोगों ने शोक व्यक्त किया है।

 

 

 

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