राज्य आंदोलनकारियों के आरक्षण के लिए आएगा अध्यादेश..
राज्यपाल की मंजूरी के बाद होगा लागू..
सीएम धामी और प्रदेश मंत्रिमंडल की मंजूरी के बावजूद राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को सरकारी नौकरी में 10 % क्षैतिज आरक्षण की मांग पूरी होने में अभी वक्त है।
उत्तराखंड: सीएम धामी और प्रदेश मंत्रिमंडल की मंजूरी के बावजूद राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को सरकारी नौकरी में 10 % क्षैतिज आरक्षण की मांग पूरी होने में अभी वक्त है। विधानसभा सत्र समाप्त होने के बाद राज्य प्रशासन अब क्षैतिज आरक्षण के बिल के बजाय एक अध्यादेश पेश करेगा।
इस संबंध में कार्मिक विभाग ने एक ड्राफ्ट तैयार कर न्याय विभाग से इनपुट मांगा है। अध्यादेश को राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इसके लागू होने से प्रदेश के करीब10,000 से अधिक चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को लाभ होगा।
आपको बता दें कि हाल ही में बजट सत्र के दौरान राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मंत्रिमंडलीय उपसमिति की सिफारिश को मंजूरी दी थी। कार्मिक विभाग ने मंजूरी के बाद इस अध्यादेश का ड्राफ्ट तैयार किया है। ड्राफ्ट न्याय विभाग को परामर्श के लिए भेजा गया है। परामर्श के बाद विधायी विभाग के माध्यम से इसे राज्यपाल के अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।
अब तक ये हुआ..
1- सीएम के अनुरोध पर राज्यपाल ने सात साल बाद विधेयक वापस भेजा
2- प्रदेश मंत्रिमंडल ने मंत्रिमंडलीय उपसमिति बनाकर रिपोर्ट देने को कहा
3- मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने आंदोलनकारियों को आरक्षण की सिफारिश की
4- प्रदेश मंत्रिमंडल ने उपसमिति की सिफारिश को मंजूर की
मंत्रिपरिषद से कैबिनेट के फैसले का प्रस्ताव प्राप्त हो चुका है। विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर न्याय विभाग से परामर्श देने को कहा है। परामर्श प्राप्त होने के बाद अध्यादेश विधायी के माध्यम से राज्यपाल को मंजूरी के लिए भेज दिया जाएगा।
