उत्तराखंड

राजाजी टाइगर रिजर्व को खोलने की तैयारी..

राजाजी टाइगर रिजर्व को 15 अक्टूबर से खोलने की तैयारी..

उत्तराखंड : राजाजी टाइगर रिजर्व को 15 अक्तूबर से खोलने का प्रस्ताव शासन, वन मुख्यालय और नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी को भेजा जाएगा। जिम कार्बेट टाइगर रिजर्व को हर साल 15 अक्तूबर और राजाजी टाइगर रिजर्व को 15 नवंबर से खोला जाता है।

इस बार राजाजी टाइगर रिजर्व को भी 15 अक्तूबर से पर्यटकों के लिए खोलने की योजना बनाई गई है। राजाजी में देश विदेश से पर्यटक हाथी, बाघ, तेंदुआ, हिरण, काकड़ समेत अन्य वन्यजीवों को देखने आते हैं।जिम कार्बेट टाइगर रिजर्व की तर्ज पर अब राजाजी टाइगर रिजर्व को भी पर्यटकों के लिए अक्तूबर माह में ही खोलने की तैयारी है। टाइगर रिजर्व से जुड़े सूत्रों की मानें तो इस संबंध में अधिकारियों के स्तर पर विचार विमर्श किया जा रहा है।

राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक बीके सिंह ने बताया कि इस बारे में विचार विमर्श किया जा रहा है। शासन, मुख्यालय और नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी से अनुमति मिलने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा।

बाघों की प्रजातियां व मौजूदा संख्या..

सुमात्रा टाइगर: सुमात्रा टाइगर की संख्या 400 बची हैं। ये टाइगर इंडोनेशिया के जावा आइलैंड और उसके आस-पास पाए जाते हैं।

अमूर टाइगर: इन्हें साइबेरियन टाइगर भी कहते हैं। इनकी संख्या 540 हैं। दक्षिण-पूर्वी रूस, उत्तर-पूर्वी चीन में पाए जाते हैं।

बंगाल टाइगर: भारत, नेपाल, भूटान, चीन, म्यांमार में पाए जाते हैं। इनकी कुल संख्या 3891 है।

इंडो चीन टाइगर: इंडो चीन टाइगर की संख्या केवल 350 बची हैं। यह थाईलैंड, चीन, कंबोडिया, म्यांमार, विएतनाम जैसे देशों में पाए जाते है।

साउथ चीन टाइगर: दक्षिण-पूर्वी चीन में पाई जाने वाली ये प्रजाति विलुप्त हो चुकी है।

(दुनिया में बाघों की कुल आठ प्रजातियां थीं। माना जाता है कि इनमें से तीन प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं।)

2022 तक दोगुनी होगी बाघों की संख्या..

एक दशक पहले तक विलुप्ति की कगार पर पहुंच चुके बाघों की संख्या भारत में निरंतर बढ़ रही है। पिछले छह साल में ही भारत में बाघों की संख्या दोगुनी से ज्यादा हो चुकी है। अक्टूबर 2012 में हुई बाघों की गणना के अनुसार उस वक्त देश में बाघों की संख्या मात्र 1706 थी। वर्तमान में दुनिया भर में बाघों की जनसंख्या तकरीबन 6000 है। इनमें से 3891 बाघ (लगभग 70 फीसद) भारत में हैं। सरकार ने वर्ष 2022 तक बाघों की इस जनसंख्या को दोगुना करने का लक्ष्य तय किया है।

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