उत्तराखंड

मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर आपदा पीड़ितों की बढ़ाई गई सहायता राशि..

मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर आपदा पीड़ितों की बढ़ाई गई सहायता राशि..

आपदा के मानकों में संभव न होने पर अतिरिक्त राशि की व्यवस्था मुख्यमंत्री राहत कोष से की जाए..

 

 

 

उत्तराखंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेश में आपदा प्रभावितों को विभिन्न मदों में दी जाने वाली सहायता राशि बढ़ा दी गई है। अब पर्वतीय व मैदानी क्षेत्र में आपदा में भवन के पूर्ण क्षतिग्रस्त होने पर डेढ़ लाख रुपये प्रति भवन के हिसाब से मुआवजा राशि दी जाएगी। आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त कच्चे व पक्के मकानों के लिए भी सहायता राशि में इजाफा किया गया है।

 

प्रभावित परिवारों को सामग्री के लिए दी जाने वाली सहायता राशि में 1200 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। उनका कहना हैं कि राज्य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) के मानकों में संभव न होने पर अतिरिक्त धनराशि की व्यवस्था मुख्यमंत्री राहत कोष से की जाएगी। मुख्यमंत्री ने पुनर्निर्माण और राहत कार्यों में तेजी लाने के मद्देनजर हाईपावर कमेटी गठित करने के निर्देश भी दिए हैं।

मुख्यमंत्री धामी ने सोमवार को सचिवालय में उच्चाधिकारियों के साथ आपदा राहत कार्यों और प्रभावितों को दी जाने वाली सहायता राशि के संबंध में समीक्षा बैठक की। उस दौरान मुख्यमंत्री के निर्देश पर निर्णय लिया गया कि प्रभावित परिवारों को कपङे, बर्तन व घरेलू सामान के लिए दी जाने वाली अहेतुक सहायता राशि को 3800 रूपये से बढाकर 5000 रूपये किया जाये।

 

 

 

पूर्ण क्षतिग्रस्त मकान के लिये सहायता राशि जो कि मैदानी क्षेत्रों में 95 हजार रूपये प्रति भवन और पहाङी क्षेत्रों में 1लाख 1 हजार 900 रूपये प्रति भवन दी जा रही है, को मैदानी और पर्वतीय दोनों क्षेत्रों में बढाकर 1 लाख 50 हजार रूपये प्रति भवन किया गया है। आंशिक क्षतिग्रस्त (पक्का) भवन के लिए सहायता राशि कॅ 5200 रूपये प्रति भवन से बढाकर 7500 रूपये प्रति भवन और आंशिक क्षतिग्रस्त (कच्चा) भवन के लिए सहायता राशि कॅ 3200 रूपये प्रति भवन से बढाकर 5000 रूपये प्रति भवन किया गया है।

 

भूमि क्षति के लिए राहत राशि न्यूनतम एक हजार रूपये अनुमन्य की जाएगी। अर्थात भूमि क्षति पर राहत राशि, कम से कम एक हजार रुपये तो दी ही जाएगी। घर के आगे या पीछे का आंगन व दीवार क्षतिग्रस्त होने को भी आंशिक क्षतिग्रस्त में लिया जाएगा। पहले इस पर सहायता नहीं दी जाती थी।

 

जिन आवासीय कालोनियों में बिजली के बिल बाहर लगे थे, 18 व 19 अक्तूबर को आयी प्राकृतिक आपदा में खराब हो गये हैं, ऊर्जा विभाग इन खराब बिजली के मीटरों को निशुल्क बदलेगा। राज्य आपदा मोचन निधि मानकों से अनुमन्य की गयी अधिक धनराशि का भुगतान मुख्यमंत्री राहत कोष से वहन किया जाएगा।

 

इसी प्रकार क्षतिग्रस्त भवनों के प्रकरणों में यदि भवन एसडीआरएफ के मानकों की परिधि से बाहर है तो ऐसे प्रकरणों पर सहायता मुख्यमंत्री राहत कोष से प्रदान की जाएगी। जीएसटी के दायरे से बाहर के छोटे व्यापारियों को दुकान में पानी भर जाने आदि से नुकसान होने पर 5 हजार रूपये की सहायता दी जाएगी। एसडीआरएफ के मानकों में कवर न होने पर की सहायता मुख्यमंत्री राहत कोष से प्रदान की जाएगी। ।

 

 

 

 

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