उत्तराखंड

भाजपा के एजेंट के रूप में अधिकारी बना रहे भूमिका..

आपदा से निपटने में सरकार का तंत्र पूरी तरह विफल..

कांग्रेस पूर्व प्रदेश प्रवक्ता ने उठाये सवाल..

भाजपा कार्यालय में प्रशासनिक अधिकारियों को बुलाकर बनाया जा रहा दबाव..

आपदा के समय करोड़ों की लागत से बना आलीशन भवन नहीं आया कोई काम..

 

 

 

 

रुद्रप्रयाग। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने प्रशासनिक अधिकारियों पर भाजपा के एजेंट के तौर पर कार्य करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जनपद आगमन पर जिलाधिकारी से लेकर पुलिस अधीक्षक को भाजपा कार्यालय में बुलाया गया। नोटबंदी के दौरान जनता से लूटे गये पैंसों से भाजपा ने रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय में करोड़ों की लागत तीमंजिला भवन तैयार किया है, जो आपदा के समय कुछ भी काम नहीं आया। देश-विदेश से आये श्रद्धालुओ को सड़कों पर रात काटनी पड़ी और भाजपा कार्यकर्ता मजे लूटने तक सीमित रहे। तीर्थयात्रियों की मदद के लिए भाजपा का एक भी कार्यकर्ता आगे नहीं दिखाई दिया।

यहां जारी बयान में उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने कहा कि राज्य में तीन दिन तक हुई बारिश से सरकार का आपदा से निपटने के कोई भी इंतजाम नहीं थे, जिस कारण राज्य वासियों से लेकर चारधाम यात्रा पर आए श्रद्धालु एवं पर्यटकों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। आपदा के दौरान जमीन पर ना तो सरकार नाम की कोई चीज दिखाई दी और ना ही प्रशासनिक अमला। जिसके चलते जनता को किसी भी प्रकार की सहायता मुहैया नहीं हो पाई और पूरा तंत्र फेल साबित हुआ।

 

वहीं दूसरी ओर आपदा में भी कुछ लोगों द्वारा अवसर ढूंढने के प्रयास किये गये और बाहरी प्रदेश से चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु तथा पर्यटकों से जमकर लूट खसोट की गई। कई जगह पर यात्रियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। श्री नेगी ने कहा कि यदि सरकार प्रशासन को कड़ाई से इंतजाम करने के निर्देश करती और प्रशासनिक अमला धरातल पर कार्यकर्ता तो मौसम की मार से पर्यटक और चार धाम यात्रा पर आए श्रद्धालुओं से मनमाने पैंसे नहीं वसूले जाते।

 

 

 

 

 

पूर्व प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा रुद्रप्रयाग जिले में 1 घंटे की अचानक दौरे पर आकर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को भाजपा कार्यालय के दर्शन कराए जाने गए। कहा कि सरकार प्रशासनिक मशीनरी को भाजपा का तंत्र न बनाए। अगर मुख्यमंत्री को आपदा को लेकर बैठक भी करनी थी तो जिला पंचायत सभागार या जिलाधिकारी कार्यालय के सभागार में की बैठक संपन्न कराई जा सकती थी। श्री नेगी ने आरोप लगाए आखिर नोटबंदी के दौरान भाजपा द्वारा अर्जित की गई संपत्ति में प्रशासनिक अधिकारियों को बुलाकर मुख्यमंत्री क्या संदेश देना चाहते थे।

 

तीन दिनों तक हुई बारिश से परेशान यात्रियों एवं पर्यटकों को भाजपा के लोग अपने छह करोड़ के कार्यालय में भी रखते हो सकता था कि कुछ यात्रियों को राहत मिलती, मगर भाजपा द्वारा ऐसा नहीं किया गया। क्योंकि उनको जनता के बीच अपने आलीशान कार्यालय की पोल खुलने का डर था। श्री नेगी ने कहा मुख्यमंत्री द्वारा जनपद के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को बैठक के नाम पर पार्टी कार्यालय में बुलाना एक गलत परंपरा की शुरुआत की गई है और अधिकरियों द्वारा भी एक पार्टी कार्यालय पर जाकर बैठक में शामिल होना, जो एहसास कराता है जैसे अधिकारी भी आज भाजपा के एजेंट के रूप में अपनी कार्यप्रणाली का संचालन कर रहे हैं।

 

जहां पर न तो जनता थ और ना ही प्रभावित लोग। वहां पर सिर्फ भाजपा के गिने-चुने कार्यकर्ता और पदाधिकारियों की मौजूदगी में ही आपदा पर पार्टी कार्यालय में चर्चा और मुख दर्शक के तौर पर जिलाधिकारी और एसपी मौजूद रहे। श्री नेगी ने कहा कि अधिकारी भाजपा की गुलामी की प्रथा को त्याग दें। वह जनता के दुख दर्द पर मरहम लगाएं तथा जन समस्याओं को प्राथमिकता दें।

 

 

 

 

 

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