उत्तराखंड

नई शिक्षा नीति लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना उत्तराखंड..

नई शिक्षा नीति लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना उत्तराखंड..

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रदेश में आज मंगलवार से नई शिक्षा नीति लागू हो गयी हैं। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का कहना हैं कि इसके तहत कक्षाएं प्री प्राइमरी से ही शुरू होंगी। एससीईआरटी ने इसका पाठ्यक्रम तैयार किया है।

 

 

उत्तराखंड: प्रदेश में आज मंगलवार से नई शिक्षा नीति लागू हो गयी हैं। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का कहना हैं कि इसके तहत कक्षाएं प्री प्राइमरी से ही शुरू होंगी। एससीईआरटी ने इसका पाठ्यक्रम तैयार किया है। प्री प्राइमरी कक्षाओं को विभाग ने बाल वाटिका नाम दिया है। इसके साथ ही उत्तराखंड एनईपी लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया हैं।

 

शिक्षा मंत्री का कहना हैं कि पहले चरण में प्राथमिक स्कूलों में चल रहे पांच हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों में बाल वाटिकाओं का संचालन शुरू होगा। विकासखंड स्तर पर क्षेत्रीय विधायक एवं स्थानीय जन प्रतिनिधियों की मौजूदगी में चिह्नित आंगनबाड़ी केन्द्रों में बाल वाटिकाओं का शुभारंभ किया जाएगा।

 

इसमें शिक्षाविद्, अभिभावक एवं छात्र-छात्राएं भी मौजूद रहेंगे। शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि राज्य में बीस हजार से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं। पहले फेज़ में 5000 आंगनबाड़ी केन्द्रों में नई एजुकेशन पॉलिसी-2020 के तहत बालवाटिका कक्षाओं का संचालन शुरू किया जायेगा।

 

प्री-प्राइमरी स्तर पर बालवाटिकाओं में बच्चों को एनईपी के प्रावधानों के तहत पढ़ाया जायेगा और इसके लिए सिलेबस तैयार कर लिया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं शिक्षकों के लिये हस्तपुस्तिका और बच्चों के लिये तीन अभ्यास पुस्तिका स्वास्थ्य, संवाद एवं सृजन तैयार की गई हैं। कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं।

 

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश के प्राथमिक स्कूल परिसर में 4447 आंगनबाड़ी केंद्र चल रहे हैं। इन केंद्रों में प्री प्राइमरी से कक्षाओं को शुरू कर छात्र-छात्राओं को कक्षा एक के लिए तैयार किया जाएगा। शिक्षा विभाग की ओर से प्री प्राइमरी को बालवाटिका नाम दिया गया है। विभाग की ओर से इसके लिए अगल से पाठ्यक्रम तैयार किया गया है।

 

साथ ही उत्तराखंड में 20 हजार 67 आंगनबाड़ी केन्द्र मंजूर हैं। इसमें से 20 हजार 17 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। इन केंद्रों में 14555 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तैनात हैं। इसके अलावा आंगनबाड़ी केंद्रों में 14249 सहायिकाएं एवं 4941 मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां नियुक्त हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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