उत्तराखंड

नई शिक्षा नीति – अब बीएलओ ड्यूटी नहीं करेंगे उत्तराखंड के 72 हजार शिक्षक,सिर्फ पढ़ाएंगे..

नई शिक्षा नीति – अब बीएलओ ड्यूटी नहीं करेंगे उत्तराखंड के 72 हजार शिक्षक,सिर्फ पढ़ाएंगे

बोर्ड में दो विषयों की होगी अंक सुधार परीक्षा..

 

 

 

 

 

 

 

 

 

नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने एलान किया है कि राज्य के करीब 72 हजार शिक्षक अब सिर्फ बच्चों को पढ़ाएंगे। उनसे कोई अन्य कार्य नहीं लिया जाएगा। शिक्षक संगठन कई वर्षों से यह मांग उठाते रहे हैं।

 

 

उत्तराखंड: प्रदेश में नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने एलान किया है कि राज्य के करीब 72 हजार शिक्षक अब सिर्फ बच्चों को पढ़ाएंगे। उनसे कोई अन्य कार्य नहीं लिया जाएगा। शिक्षक संगठन कई वर्षों से यह मांग उठाते रहे हैं। शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत का कहना हैं कि प्रदेश में अब शिक्षक बीएलओ ड्यूटी नहीं करेंगे। उनका काम सिर्फ बच्चों को पढ़ाना होगा। इससे प्रदेश के 72 हजार शिक्षकों को विभिन्न कार्यक्रमों से निजात मिलेगी। आपको बता दे कि शिक्षा विभाग में पिछले कुछ समय में आठ हजार शिक्षकों की पदोन्नति हुई। जबकि सात हजार शिक्षकों की नियुक्तियां हुई हैं।

 

वहीं, शिक्षा मंत्री का कहना हैं कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के माध्यम से भारतीय ज्ञान परंपराओं को आगे बढ़ाया जा रहा है। योग, वेद, पुराणों, स्थानीय बोलियों एवं संस्कृत आधारित शिक्षा पर इसके तहत विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उनका कहना हैं कि शिक्षकों के पास सिर्फ पढ़ाने का कार्य हो, इसके लिए शिक्षा विभाग में सभी अन्य व्यवस्थाएं ऑनलाइन की जा रही हैं।

 

इसके साथ ही शिक्षा मंत्री का कहना हैं कि उत्तराखंड बोर्ड के 10वीं और 12वीं के जो बच्चे अधिकतम दो विषयों में फेल हो गए हैं, अगले सत्र से उनके लिए अंक सुधार परीक्षा आयोजित की जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूलों में जो पढ़ाई नर्सरी में होती थी, अब वही पढ़ाई आंगनबाड़ी एवं सरकारी स्कूलों में होगी। वहीं, उत्तराखंड में एक साल के अंदर विद्या समीक्षा केंद्र भी बनाए जाएंगे

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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