उत्तराखंड

ग्लूकोमा से बचाव को जागरूकता का दिया संदेश..

ग्लूकोमा से बचाव को जागरूकता का दिया संदेश..

40 वर्ष की उम्र के बाद वर्ष में एक बार अवश्य आखों की जांच कराएं..

18 मार्च तक चलेगा नेत्र सुरक्षा के प्रति ग्लूकोमा जागरूकता अभियान..

 

 

 

 

 

 

रुद्रप्रयाग। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तत्वावधान में राष्ट्रीय दृष्टिविहीनता नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत विश्व ग्लूकोमा सप्ताह के तहत समुदाय स्तर पर गोष्ठियों का आयोजन कर नेत्र सुरक्षा के प्रति जागरूक किया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ एचसीएस मर्तोलिया ने बताया कि 18 मार्च तक ग्लूकोमा से नेत्र सुरक्षा के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत सीएचओ के माध्यम से सभी 44 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में आंखों की स्क्रिनिंग की जा रही है व ग्लूकोमो से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है।

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में आयोजित गोष्ठियों में सीएचओ द्वारा ग्लूकोमा के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। बताया कि अक्सर सिरदर्द रहना, बार-बार चश्में का नंबर बदलना, अंधेरे कमरों में दृष्टि समायोजन में कठिनाई होना, तेज रोशनी के चारों ओर इंद्रधनुषिया गोला दिखाई देना, आंख व चेहने में दर्द, उल्टी की शिकायत होना ग्लूकोमा का लक्षण है।

सीएचओ द्वारा सभी 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों से वर्ष में एक बार अनिवार्य रूप से आखों की जांच करवाने की अपील की। कहा कि ग्लूकोमा की पूर्व पहचान कर समय पर उपचार करने से दृष्टि को बचाया जा सकता है। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ विमल सिंह गुसाईं ने कहा कि नेत्र संबंधी विकारों से संबंधित जांच एवं उपचार नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध है। साथ ही बताया कि नेत्र विकार व अन्य स्वास्थ्य संबंधी जानकारी व सलाह के लिए निःशुल्क हेल्प लाइन 104 पर संपर्क किया जा सकता है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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