उत्तराखंड

गैरसैंण में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज, किस पर उठ रहे सवाल..

गैरसैंण में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज, किस पर उठ रहे सवाल..

उत्तराखंड: नंदप्रयाग घाट सड़क चौड़ीकरण की मांग को लेकर आंदोलनकारियों पर कल जो लाठी चार्ज हुआ। ये सब प्रशासनिक खामी और लापरवाह अफसरों के अहम की वजह से हुआ है। ये दूसरी बार है जब चमोली डीएम के कार्य करने की क्षमता पर शक हो रहा है। NTPC टनल में भी उनका कार्य बहुत निम्न दर्जे का रहा है। भराड़ीसैंण विधानसभा परिसर में हुई घटना में वो एक बार भी जनता के बीच में नहीं पहुंची। एसडीएम साहब भी जेब में हाथ डाले ड्यूटी कर रहे थे।

 

चमोली के कप्तान साहब का क्या कहना, जब लोग पिट रहे थे वो विधानसभा परिसर में ड्यूटी निभा रहे थे। जबकि बतौर कप्तान होते हुए उनको सबसे पहले घटना स्थल पहुँचना चाहिए था। उन्होंने दो ऐसी महिला अधिकारियों को जिम्मेदारी दी जिनको जहां भेजने पर वहां बवाल होने की संभावनाएं ज्यादा बढ़ जाती हैं।

इंटेलिजेंस नेटवर्क पर सवाल: घाट से लगभग 100 किमी दूर होगी भराड़ीसैंण विधानसभा , लेकिन आंदोलनकारियों की सही संख्या का अनुमान नहीं था शायद या सही इनपुट दिया होगा तो बड़े अधिकारियों ने कहा होगा कोई नहीं चिल्लायेंगे और थक कर चले जायेंगे। एक भी ऐसा अफसर नहीं था जो जनता के बीच में जाकर उनसे बात करता कोई हल निकालता।

एक साथ करीब 4550 आंदोलनकारियों को देख पुलिस ने बैरियर पर सुरक्षा का कड़ा पहरा लगा दिया। आंदोलनकारी लगातार बैरियर पार करने की कोशिश करते हुए और दोनों पक्षों के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गई। तभी पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठियां फटकारनी शुरू कर दीं। इससे आक्रोशित आंदोलनकारियों ने भी पथराव करना शुरू कर दिया। घटना में करीब 18 से अधिक आंदोलनकारी चोटिल हो गए।

 

इसके बाद कई आंदोलनकारियों को मेहलचौंरी में अस्थायी जेल भेज दिया गया। प्रदर्शनकारियों में लक्ष्मण सिंह, बीरेंद्र रावत, पुष्कर रावत, मुकेश नेगी, ईश्वरी मैखुरी, हरिकृष्ण भट्ट, संदीप चमोली, विजय पंवार, सुरेश बिष्ट, सुरेंद्र सिंह, संजय, कुलदीप, मोहन, यूकेडी के मोहन काला, वसिक्रम सिंह, हरीश कोठारी, खीम कंडारी, नंदीराम, राकेश जोशी, भगीरथ, पान सिंह, नारायण सिंह, जेपी काला, जगदीश रावत, कामरेड इंद्रेश मैखुरी आदि शामिल थे।

 

थानाध्यक्ष सुभाष जखमोला ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है। गिरफ्तार किए गए आंदोलनकारियों को छोड़ दिया गया है। दिवालीखाल में बैरियर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। दिवालीखाल से आगे कोई भी आंदोलनकारी भराड़ीसैंण के लिए नहीं जा सका। वहीं, दिवालीखाल में सैकड़ों लोगों के पहुंचने से यहां जाम लगा रहा। पूरे दिन आंदोलनकारियों की भीड़ के कारण कर्णप्रयाग-रानीखेत हाईवे पर दो किमी तक वाहनों का जाम लगा रहा। यहां वाहन रेंग-रेंगकर चलते रहे। सोमवार रात तक आंदोलनकारियों और अन्य मुसाफिरों के 150 से अधिक वाहन जाम के फंसे रहे। इससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

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