उत्तराखंड

घोड़े-खच्चर संचालकों ने पुलिस कर्मियों पर लगाया परेशान करने का आरोप

रुद्रप्रयाग !

सोनप्रयाग में तैनात पुलिस कर्मी घोड़े-खच्चर संचालकों पर अपना रोब दिखा रहे हैं। जिस कारण घोड़े-खच्चर संचालकांे में पुलिस के प्रति आक्रोश बना है। घोड़े-खच्चर संचालकों का आरोप है कि पुलिस कर्मी गौरीकुंड से सोनप्रयाग नहीं आने दे रहे हैं, जिस कारण वह सही समय पर केदारनाथ में व्यापारियों के साथ ही पुनर्निर्माण कार्यों का सामान नहीं पहुंचा पा रहे हैं। दरअसल, अब केदारनाथ के लिये संचालित होने वाले घोड़े-खच्चरों की संख्या में वृद्धि होने लगी है। घोड़े-खच्चरों का संचालन गौरीकुंड से होता है। यात्रियों के वाहन सोनप्रयाग और सीतापुर तक ही जा पा रहे हैं। सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक प्रशासन ने यात्रियों के लिये मैक्स की व्यवस्था कर रही है। इन दिनों सामान से लदे ट्रक मात्र सोनप्रयाग तक ही जा पा रहे हैं। केदारनाथ के साथ ही केदारनाथ पैदल मार्ग पर स्थित दुकान दारों को सामग्री की आवश्यकता पड़ रही है। घोड़े-खच्चरों को सोनप्रयाग से केदारनाथ और पैदल मार्ग के लिये सामान ढ़ोना है, लेकिन सोनप्रयाग में तैनात पुलिस कर्मी घोड़े-खच्चरों को गौरीकुंड से सोनप्रयाग नहीं आने दे रहे हैं।

जिस कारण व्यापारियों का सामान सही समय पर केदारनाथ नहीं पहुंच पा रहा है और व्यापारियों के साथ ही यात्रियों को दिक्कतें हो रही हैं। कुछ घोड़े-खच्चर संचालकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सोनप्रयाग में तैनात एक पुलिस के अधिकारी का घोड़े-खच्चरों और उनके संचालकों के प्रति अच्छा व्यवहार नहीं है। सोनप्रयाग में घोड़े-खच्चरों पर सामान नहीं लादने दिया जा रहा है और ना ही गौरीकुंड से घोड़े-खच्चर को सोनप्रयाग के लिये आने दिया जा रहा है। जिस कारण उन्हे भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस कर्मियों द्वारा जबरन उन्हें परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों की गुडागर्दीं को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। यदि पुलिस कर्मी इसी प्रकार परेशान करते रहे तो घोड़े-खच्चर संचालक भी आगे की रणनीति बनाने के लिये तैयार हो जाएंगे। वहीं इस संबंध में पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा ने कहा कि मामले की जांच की जायेगी। बिना किसी कारण के किसी को परेशान नहीं किया जायेगा।

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