उत्तराखंड

केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों का देव स्थानम बोर्ड के खिलाफ आंदोलन हुआ तेज..

तीर्थ पुरोहितों ने केदारनाथ धाम में किया क्रमिक अनशन शुरू..

राष्ट्रपति और प्रदेश के मुख्यमंत्री को खून से लिखा पुरोहितों ने पत्र..

रुद्रप्रयाग:  देव स्थानम बोर्ड को भंग करने के लिये केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों द्वारा चलाया जा रहा आंदोलन अब उग्र रूप धारण करने लग गया है। मंगलवार से तीर्थ पुरोहितों ने क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है। जबकि तीर्थ पुरोहितों ने देश के राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री को खून से पत्र लिखा है। इससे पहले तीर्थ पुरोहित प्रधानमंत्री को भी खून से पत्र लिख चुके हैं। देवस्थानम बोर्ड को भंग करने के लिये केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों की ओर से पिछले दो माह से केदारनाथ धाम में ही आंदोलन चलाया जा रहा है। तीर्थ पुरोहित धाम में रैली निकालकर प्रदर्शन कर रहे हैं। तीर्थ पुरोहितों की मांग है कि प्रदेश सरकार की ओर से गठित किये गये देव स्थानम बोर्ड को भंग किया जाय। बोर्ड का गठन होने के बाद से तीर्थ पुरोहितों के हक-हकूक प्रभावित हो रहे हैं। बोर्ड के खिलाफ अब तीर्थ पुरोहितों ने क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है।

 

तीर्थ पुरोहित मंदिर के निकट अनशन पर बैठ गये हैं। पहले दिन सावन बगवाड़ी, प्रदीप शर्मा, नीतिन बगवाड़ी और प्रकाश तिनसोला क्रमिक अनशन पर बैठे रहे। तीर्थ पुरोहितों ने मंगलवार को देश के राष्ट्रपति और प्रदेश के मुख्यमंत्री को खून से पत्र लिखा है। पत्र में तीर्थ पुरोहितों ने बोर्ड को शीघ्र भंग करने की मांग की है। इससे पहले पुरोहित देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी खून से पत्र लिख चुके हैं। राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री को साकेत बगवाड़ी और नीतिन बगवाड़ी ने खून से पत्र लिखा है। आंदोलनकारी तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि जब तक देव स्थानम बोर्ड को भंग नहीं किया जाता है, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। अब तीर्थ पुरोहितों ने सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है। इस मौके पर केदारसभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला, कुबेरनाथ पोस्ती, चमनलाल शुक्ला, अशोक शुक्ला, संतोष त्रिवेदी, तेजप्रकाश तिवारी, रमाकांत शर्मा सहित अन्य मौजूद थे।

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