उत्तराखंड

वाह रे मित्र पुलिस: नेताओं की कटपुतली बनकर जनता को कर दिया गुमराह..

वाह रे मित्र पुलिस: नेताओं की कटपुतली बनकर जनता को कर दिया गुमराह..

जिस व्यक्ति को विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हमला कर किया घायल, उन्हीं की बन गई रक्षक..

भाजपा नेता के दबाव में जनता के सामने रख दिये गलत तथ्य..

 

 

 

 

रुद्रप्रयाग। अकसर ही मित्र पुलिस अपनी कारस्तानी के कारण बदनाम रही है। पुलिस का काम गरीब जनता को सताना और सत्ता में बैठे नेताओं की गुलामी करना रह गया है। जो लोग गरीब जनता को सता रहे हैं, उन पर कार्यवाही करने के वजाय, उनके साथ हाथ मिलाकर सच को झूठ बना देना, अब पुलिस के लिए कोई बड़ी बात नहीं है। मित्र पुलिस ने एक अलग तरीके का कारनामा रुद्रप्रयाग जिले में भी कर दिखाया है और जनता की आंखों में धूल झोंककर उन लोगों को बचाने का पूरा प्रयास किया है, जो लोग घटना में पूरी तरह से संलिप्त हैं।

 

बता दें कि विधानसभा चुनाव से दो दिन पहले रात्रि को उक्रांद प्रत्याशी मोहित डिमरी सहित उनके एक अन्य साथी पर जवाड़ी बाईपास पर रात्रि के करीब साढ़े नौ बजे हमला होता है। दो बाइकों में चार लोग सवार होकर मोहित और उनके साथी पर हमला करते हैं। उक्रांद प्रत्याशी के साथ ही उनके अन्य मित्र पर गंभीर चोटे आती हैं और बाइक सवार भाग जाते हैं। किसी तरह उक्रांद प्रत्याशी अपने किसी मित्र को फोन करके वाहन मंगाते हैं और प्राईवेट अस्पताल में अपना ईलाज करवाते हैं। वहीं घटना के आधे घंटे बाद पुलिस पहले घटना स्थल और फिर प्राईवेट अस्पताल पहुंचती है। जिसके बाद मोहित को सरकारी अस्पताल में ले जाया जाता है, जहां पर उनका मेडिकल किया जाता है।

 

मेडिकल में साफ है कि मोहित डिमरी पर चोटे आई हैं और उनका हाथ भी फ्रेक्चर है। इसके बाद अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होती है। घटना के दो-चार दिन तक कोई भी बयान नहीं आता, मगर एकदम से एक जनप्रतिनिधि की ओर से पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा जाता है और मामले में तथाकथित लोगों पर कार्यवाही करते हुए जांच की मांग की जाती है, मगर अब सवाल ये उठता है कि एक जनप्रतिनिधि की ओर से बार-बार पुलिस पर दबाव बनाया जाता है और फिर दबाव बनाकर पुलिस को मामले का खुलासा करने की मांग की जाती है।

 

जबकि मोहित के साथियों के अच्छे ढंग से बयान नहीं लिये जाते हैं और ना ही उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने उनके बयान होते हैं। सीधे मामले में पुलिस अधीक्षक प्रेस वार्ता करते हैं और मीडिया को बताते हैं कि यह भ्रामक खबर फैलाई गई थी, जबकि हमला नहीं हुआ था। ऐसे में मामले में पुलिस और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि की मिलीभगत साफ झलक रही है। उक्रांद प्रत्याशी को फंसाया जा रहा है और उनकी राजनीतिक हत्या करने की पूरी साजिश है।

युवा प्रत्याशी की लोकप्रियता से भयभीत भाजपा नेता..

सूत्रों की माने तो एक भाजपा नेता को अपनी राजनीति का भय सता रहा है और वे नहीं चाहते कोई युवा जनता की सेवा करे या फिर जनता उस युवक को चाहे। वे युवास प्रत्याशी की राजनीति को खत्म करना चाहते हैं, फिर चाहे उसके लिए कोई भी षड़यंत्र क्यों ना रचना पड़े। वैसे भी यह मामला एक रंजिश के तहत लग रहा है, जिसे जनता भी समझ चुकी है। सूत्रों से यह भी पता चला है कि एक भाजपा नेता और पुलिस अधिकारी के बीच इस मामले में कई बार वार्ता हुई और मामले में उक्रांद प्रत्याशी को फंसाने तक की बात कही गयी। ऐसे में मामले में पुलिस अधिकारी और भाजपा नेता के बीच हुई बातचीत की पूरी जानकारी भी जनता के सामने रखनी होंगी। जिससे मामले का सच सामने आ सके।

विवेचना से पूर्व ही घटना को बता दिया भ्रामक : मोहित..

यूकेडी प्रत्याशी मोहित डिमरी ने कहा कि पुलिस ने विवेचना से पूर्व ही घटना को भ्रामक बता दिया, जबकि इस मामले में पूरी विवेचना होनी चाहिए थी। घटना के चश्मदीदों के मजिस्ट्रेट के सामने सीआरपीसी की धारा 164 में बयान दर्ज नहीं किये गए। उन्होंने कहा कि पुलिस की विवेचना संदेह के घेरे में है। हम इस पूरे मामले की सीबीआई जांच चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि एक भाजपा नेता द्वारा पुलिस से जांच की मांग करते हुए घटना को तथाकथित बताया था। यही भाजपा नेता पिछले दो दिनों से पुलिस के अधिकारियों से फोन पर वार्ता कर रहा था। इसकी कॉल डिटेल भी निकाली जानी जरूरी है। इन्हीं के दबाव में पुलिस ने घटना को झूठा बताया है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता उनकी राजनीतिक हत्या करना चाहते हैं। हमें पूरा यकीन है कि इन्हीं के कार्यकर्ताओं ने हमला किया था और अब कार्यकर्ताओं को बचाने के लिए घटना को झूठा बताया जा रहा है। पुलिस की जांच संदेह के घेरे में है।

 

हम इसकी सीबीआई जांच की मांग करते हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने पुलिस को गांव में शराब और पैसे बांटने की मौखिक सूचना दी थी, लेकिन पुलिस ने किसी को नहीं पकड़ा। भाजपा का एक कार्यकर्ता शराब के साथ पकड़ा तो गया, लेकिन उसे तुरंत छोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष सरकारी मशीनरी का पूरा दुरुपयोग कर रही है। न्याय नहीं मिलता है तो इस पूरे मामले में उत्तराखंड क्रांति दल आंदोलन करेगी।

 

 

 

 

 

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