उत्तराखंड

योग के बदले शहीद जवानों के परिजनों की सोचे मोदी: रावत

रुद्रप्रयाग जिले से एक सप्ताह के भीतर दो जवान शहीद
शहीदों के परिजनों में सरकार के खिलाफ जमकर आक्रोश

रुद्रप्रयाग। एक सप्ताह के भीतर देश के लिए जनपद के दो जवान अपनी प्राणों की आहुति दे चुके हैं। एक ओर मोदी योग को लेकर देश-विदेश में प्रचार कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बार्डर पर जवान शहीद होते जा रहे हैं। हर दिन शहीदों के बलिदान की खबर सुनने को मिल रही है। जवानों की शहादत से जनता का भी अब सब्र का बांध टूटने लगा है। योग के बदले मोदी जवानों के परिजनों की सोचें, तभी जाकर योग भी सफल होगा। शहीदों के परिजन भी सरकार से खार खाये बैठी है। उनकी माने तो सीमा पर आर-पार की खुली चुनौती होनी जरूरी है।

पिछले बुधवार को जनपद के कविल्ठा गांव में मातम पसरा था। खबर थी कि जम्मू के बांदीपूरा में कविल्ठा का लाल मानवेन्द्र सिंह शहीद हो गया है। इस घटना का घाव अभी भरा ही नहीं था कि सुनने में आ गया कि रविवार को नागालैंड में विद्रोहियों के हमले में बड़ेथ गांव निवासी फते सिंह शहीद हो गये। जिले ने एक सप्ताह के भीतर दो जवानों को खोया है। ऐसे में जनपद वासी भी सदमें में है। वैसे भी जनपद का कालीमठ और क्यूंजागढ़ क्षेत्र सैनिक बाहुल्य क्षेत्र हैं। यहां के हर परिवार से युवा देश सेवा में जुटा है। हर दिन बार्डर पर आतंकी हमले की खबर सुनते ही परिजनों का सीना पसर जाता है। डर रहता है कि कई उनके बेटे की शहादत की खबर उन्हें सुनने को न मिले।

केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने कहा कि एक सप्ताह के भीतर हुए दो जवानों की शहादत से लोगों में खासा आक्रोश है। कहा कि एक ओर देश के प्रधानमंत्री योग की शिक्षा देने उत्तराखण्ड आ रहे हैं, मगर उन्हें मालूम होना चाहिए कि उत्तराखण्ड योग से परिपूर्ण है। योग के बदले प्रधानमंत्री को देश के जवानों के बारे में सोचना चाहिए, उनके परिजनों के बारे में सोचना चाहिए, नाकि स्वच्छ भारत और योग दिवस मनाकर लोगों को बेवकूफ बनाना चाहिए।

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