उत्तराखंड

फाइलों में कैद होकर रह गया मरीन ड्राइव का सपना..

फाइलों में कैद होकर रह गया मरीन ड्राइव का सपना..

रुद्रप्रयाग: अलकनंदा नदी किनारे मुख्य बाजार से बेलणी होते हुए संगम तक तीन किमी लंबे मरीन ड्राइव का सपना फाइलों में ही कैद होकर रह गया है। लोक निर्माण विभाग ने इसके लिए 125 लाख के प्रस्ताव तैयार किया था, लेकिन प्रशासन व नपा के हाथ खड़े करने के बाद बात आगे नहीं बन पाई। मरीन ड्राइव के जरिए स्थानीय स्तर पर पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ रोजगार के अवसर मुहैया करने की योजना थी।
श्रीबदरीनाथ, केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव पर तीर्थाटन व पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए तीन वर्ष पूर्व तत्कालीन डीएम मंगेश घिल्डियाल ने अलकनंदा नदी किनारे मरीन ड्राइव बनाने की योजना तैयार की थी। तीन किमी लंबे व छः फीड चैड़े मरीन ड्राइव निर्माण मुख्य बाजार से बेलणी होते हुए संगम तक होना था।

 

इस कार्य के लिए प्रशासन ने लोनिवि को प्रस्ताव तैयार करने और पर्यटन विभाग और नगर पालिका को प्रारंभिक ड्राफ्ट बनाने के निर्देश दिए थे। साथ ही राजस्व विभाग से पूरे क्षेत्र का एलायमेंट कर मरीन ड्राइव के लिए उपलब्ध भूमि की रिपोर्ट भी मांगी गई थी। यहां तक कि जिला प्रशासन के निर्देश पर नगर पालिका ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना के अंतर्गत अवस्थापना विकास मद में भी मरीन ड्राइव को प्रस्तावित किया गया था। लेकिन बात नहीं बन पाई। इधर, लोनिवि के अधिशासी अभियंता इंद्रजीत बोस ने बताया कि अलकनंदा नदी किनारे मरीन ड्राइव के लिए पूर्व में जिला प्रशासन को 125 लाख का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था, लेकिन प्रशासन ने धनराशि अधिक बताकर प्रस्ताव को वापस लौटा दिया था। तब से इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है।

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