उत्तराखंड

कॉमर्शियल फ्लाइट से आम यात्री की तरह देहरादून आए महाराष्ट्र के राज्यपाल..

कॉमर्शियल फ्लाइट से आम यात्री की तरह देहरादून आए महाराष्ट्र के राज्यपाल..

उत्तराखंड: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी एक आम यात्री की तरह कॉमर्शियल फ्लाइट से देहरादून हवाई अड्डे पहुंचे। उनके देहरादून पहुंचते ही मीडियाकर्मियों का उनके डिफेंस कॉलोनी स्थित आवास पर जमावड़ा लग गया, लेकिन कोश्यारी ने सरकारी विमान से उतारे जाने के मामले में कोई भी प्रतिक्रिया देने से साफ इंकार कर दिया। उन्होंने चमोली में आई आपदा दुख व्यक्त किया।

कोश्यारी के देहरादून पहुंचने से पहले सोशल मीडिया पर उनके और महाराष्ट्र सरकार के बीच तनातनी की खबरें वायरल हो चुकी थीं। उन्हें महाराष्ट्र सरकार के राजकीय विमान से उतारने की  खबरें जैसे ही वायरल हुईं, सभी को उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार होने लगा। जौलीग्रांट स्थित देहरादून हवाई अड्डे पर उतरकर कोश्यारी सीधे अपने डिफेंस कॉलोनी स्थित आवास पर पहुंचे। उनके आवास पर मीडियाकर्मी महाराष्ट्र सरकार के आचरण को लेकर राज्यपाल की प्रतिक्रिया चाह रहे थे, लेकिन कोश्यारी ने बेहद सादगी के साथ प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया। जब उन्हें कुरेदने की कोशिश हुई तो वे बोले कि वे दूसरे विमान से आ गए। जब उनसे पूछा गया कि क्या वे चमोली आपदा क्षेत्र का मुआयना करने जा रहे हैं, तो उन्होंने इनकार किया।

 

कोश्यारी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से भेंट की। उन्होंने मुख्यमंत्री से राज्य से संबंधित विभिन्न विषयों एवं जनपद चमोली के रैणी क्षेत्र में उत्पन्न आपदा की स्थिति पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा स्थल पर राहत एवं बचाव कार्य तेजी से संचालित हो रहा है। जिसमें सभी संबंधित एजेंसियों एवं विभागों का सक्रिय सहयोग प्राप्त हो रहा है। इस अवसर पर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत भी उपस्थित थे।

महाराष्ट्र के राज्यपाल और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी को महाराष्ट्र सरकार के सरकारी विमान से उतारे जाने पर प्रदेश भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कोश्यारी से किए गए इस सलूक से नाराज भाजपा ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। पार्टी ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सारी मर्यादाएं भूल गए हैं।

 

उनका यह आचरण राज्यपाल पद की गरिमा के खिलाफ है। उत्तराखंड सरकार के शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को अपने कृत्य के लिए तत्काल माफी मांगनी चाहिए। पूरे देश ने देख लिया कि कांग्रेस गठबंधन सरकारों में संवैधानिक पद की गरिमा को किस हद तक ठेस पहुंचाई जाती है।

महाराष्ट्र सरकार लगातार लोकतंत्र का गला घोटने मे लगी है। इस शर्मनाक कृत्य से उसका असली चेहरा सामने आ गया है। वह अभिव्यक्ति की आजादी को भी छीनने का कार्य करती रही है। अब राज्यपाल जैसे संविधान के प्रहरी के साथ इस तरह का व्यवहार करके महाराष्ट्र सरकार ने अपनी असलियत बयान कर दी है। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। इसकी जितनी निंदा की जाए कम है।

 

महाराष्ट्र सरकार का आचरण बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। यह राज्यपाल पद की गरिमा का ही नहीं बल्कि उत्तराखंड का भी अपमान है। शिव सेना कांग्रेस गठबंधन सरकार के इस अमर्यादित आचरण को सारे देश ने देखा है। हम इसकी भर्त्सना करते हैं।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने गिरावट की सभी सीमाएं तोड़ दीं, जब उन्होंने राज्यपाल कोश्यारी को चमोली आपदा के बारे में उत्तराखंड आने के लिए सरकारी वायुयान से यह कहकर उतरवा दिया कि वे सरकारी कार्यक्रम में नहीं जा रहे। उद्धव सरकार को शर्म आनी चाहिए।

देहरादून पहुंचे महाराष्ट्र व गोवा के राज्यपाल और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि यह उनका निजी दौरा नहीं है। गुरुवार को जौलीग्रांट स्थित देहरादून एयरपोर्ट पर मीडियाकर्मियों के कई बार पूछे जाने पर उन्होंने सिर्फ इतना भर कहा कि यह उनका निजी दौरा नहीं है। मीडिया में आ रही खबरों को लेकर महाराष्ट्र राजभवन की ओर से स्पष्टीकरण भी जारी हुआ।

 

उसमें स्पष्ट किया गया राज्यपाल कोश्यारी को मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में आईएएसअधिकारियों के 122 वें प्रशिक्षण कार्यक्रम आफिशियल कार्यक्रम की अध्यक्षता करनी है। यह कार्यक्रम 12 फरवरी यानी आज सुबह 10 बजे से था। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कोश्यारी को गुरुवार सुबह 10 बजे मुंबई के सीएसआईएम एयरपोर्ट से देहरादून के लिए प्रस्ताव करना था। राज्यपाल सचिवालय ने दो फरवरी को महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों को अग्रिम रूप से लिखित सूचना दे दी थी कि राज्यपाल सरकारी विमान का उपयोग करेंगे।

 

मुख्यमंत्री के कार्यालय को भी सूचित किया गया था। गुरुवार को राज्यपाल सुबह 10 बजे सीएसआईएम हवाई अड्डे पर पहुंचे और सरकारी विमान में सवार हुए। हालांकि राज्यपाल को सूचित किया गया था कि सरकारी विमान के उपयोग की अनुमति नहीं मिली है। राज्यपाल के निर्देश पर देहरादून के लिए उनका वाणिज्यिक विमान का टिकट बुक कराया गया। वह 12.15 बजे वहां से देहरादून के लिए रवाना हुए।

राज्यपाल सचिवालय ने यह स्पष्टीकरण सोशल मीडिया में वायरल हुई उन खबरों के संबंध में किया गया, जिसमें राज्यपाल को सरकारी विमान में उतारने और उनके और महाराष्ट्र सरकार के रिश्तों में खटास का हवाला दिया गया था।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top