उत्तराखंड

27 साल बाद भगवान शंकर के अनन्य भक्त राजा बाणासुर की डोली पहुंची केदारनाथ..

27 साल बाद भगवान शंकर के अनन्य भक्त राजा बाणासुर की डोली पहुंची केदारनाथ..

 

 

उत्तराखंड: केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए 27 साल बाद भगवान शंकर के अनन्य भक्त राजा बाणासुर की डोली कल केदारनाथ धाम पहुंची। केदारनाथ दर्शन के बाद डोली बद्रीनाथ धाम के दर्शन को जायेगी। राजा बाणासुर की डोली के साथ ही मां कात्यायनी की डोली और मां राजराजेश्वरी की डोली भी केदारनाथ धाम पहुंची हैं। भगवान शंकर के अनन्य भक्त बाणासुर को एक महान दानवीर और असुरों के दानव के रूप में जाना जाता है। लेकिन केदारघाटी के लमगोंडी गांव में बाणासुर को भूमि देवता के रूप में पूजा जाता है।

केदारघाटी का लमगोंडी गांव केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों का गांव यहां के ग्रामीण बाणासुर की नित्य पूजा अर्चना करते हैं। इन दिनों लमगोंडी गांव के भूमि के देवता बाणासुर केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्रा पर निकले हैं। आजकल बाणासुर की देव डोली आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण कर आशीष दे रही हैं। 28 अगस्त यानी कल बाणासुर की यात्रा हजारों भक्तों के साथ केदारनाथ धाम पहुंच गयी हैं और केदारनाथ के दर्शन करने के बाद बद्रीनाथ के लिए प्रस्थान करेगी।बता दे कि बाणासुर की डोली इन दिनों खेत खलिहानों में खूब नृत्य कर रही हैं। साथ ही भक्त भी बाणासुर की यात्रा का पुष्प वर्षा से भव्य स्वागत कर रहे हैं।

कहा जाता हैं कि कई वर्षों तक भगवान शिव की तपस्या की थी मान्यता है की केदारघाटी के लमगोंडी क्षेत्र को उस समय शोणितपुर के रूप में जाना जाता था. इस क्षेत्र को बाणासुर ने अपनी राजधानी बनाया था। अब लमगोंडी गांव में केदारनाथ के कुछ तीर्थ पुरोहित निवास करते हैं। जो बाणासुर की अपने भूमि के देवता के रूप में पूजा करते हैं।

 

 

 

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