उत्तराखंड की बेटी ने कथक में जीता स्वर्ण पदक..
उत्तराखंड: देवभूमि की होनहार बेटी ने प्रदेश का मान बढ़ाया है। कला और संगीत के क्षेत्र में देवभूमि की कथक नृत्य की सनसनी बन रही प्रिया ने भातखंडे विश्वविद्यालय लखनऊ के दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय में मास्टर ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट (एमपीए) की डिग्री के साथ कथक में एक स्वर्ण व एक रजत पदक जीता। पहाड़ की महिलाएं चाह लें तो आसमान को भी झुकना पड़ता है। कला संगीत हो या राजनीति, देवभूमि की मातृशक्ति का कोई मुकाबला ही नहीं है।
प्रिया सैनी की माता संगीता सैनी ने बताया कि उनकी बिटिया भातखंडे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय लखनऊ में एमपीए अंतिम वर्ष की छात्रा है। विश्वविद्यालय के दसवें दीक्षांत समारोह में प्रिया ने 18 मात्रा लक्ष्मीताल में शुद्ध पारंपरिक कथक नृत्य प्रस्तुत कर स्वर्ण पदक जीता और कथक विभाग में प्रथम तथा विश्वविद्यालय में द्वितीय स्थान हासिल किया। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने उनको एमपीए की डिग्री व स्वर्ण पदक प्रदान किया।
हरिद्वार के पास रायवाला गांव की मूल निवासी प्रिया सैनी तीन साल की थीं तभी से उन्हें नृत्य से दिल लगा लिया था। नृत्य से पहला परिचय मां ने कराया। नानी का लोक नृत्य में प्रति विशेष लगाव होने के बाद भी, वह उसे अपना नहीं सकीं।
प्रिया बताती हैं कि नानी ने मां और मौसी को लोक नृत्य सीखने के लिए प्रेरित किया, लेकिन वह भी उनके इस शौक को पूरा नहीं कर सकीं, पर मां ने मुझे नृत्य के लिए हमेशा प्रेरित किया। मेरी नृत्य साधना मां के नाम है। प्रिया कहती हैं, 2012 में पिता का साथ छूटने पर भी मां ने मेरे नृत्य प्रेम को खंडित नहीं होने दिया। 2014 में कथक की विधिवत शिक्षा के लिए भातखण्डे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। गुरु डा बीना सिंह के सानिध्य में मैं कथक की बारीकियों को बेहतर तरीके से समझ रही।
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