कारगिल विजय दिवस पर सीएम धामी शहीदों को देंगे श्रद्धांजलि..
शहीद स्मारक स्थल पर होगा कार्यक्रम..
कारगिल विजय दिवस के अवसर पर भारतीय सेना के अदम्य साहस व शौर्य को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने नमन किया। शौर्य दिवस के अवसर पर सीएम धामी ने मंगलवार को गांधी पार्क स्थित शहीद स्मारक स्थल पर कारगिल शहीदों श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
उत्तराखंड: उत्तराखंड को यूं ही वीरों की भूमि नहीं कहा जाता। आजादी से पहले और बाद में हुए युद्धों में देश के लिए शहादत देना उत्तराखंड के शूरवीरों की परंपरा रही है। कारगिल युद्ध में भी उत्तराखंड के वीरों ने हर मोर्चे पर अपने युद्ध कौशल का परिचय देते हुए दुश्मनों के छक्के छुड़ाए थे। रक्षा मामलों के जानकार बताते हैं कि युद्ध लड़ने में ही नहीं बल्कि युद्ध की रणनीति तय करने और रणभूमि में फतह करने में भी उत्तराखंड के जांबाजों का अहम योगदान रहा है।
यही वजह है कि जब भी सैनिकों की शहादत को याद किया जाता है तो उत्तराखंड के वीरों के अदम्य साहस के किस्से हर जुबां पर होते हैं। वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध में भी उत्तराखंड के जांबाज सबसे आगे खड़े मिले। कारगिल युद्ध में उत्तराखंड के 75 जवानों ने देश रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहूति दी थी। इनमें 37 जवान ऐसे थे, जिन्हें युद्ध के बाद उनकी बहादुरी के लिए पुरस्कार भी मिला था।
कारगिल विजय दिवस के अवसर पर भारतीय सेना के अदम्य साहस व शौर्य को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने नमन किया। शौर्य दिवस के अवसर पर सीएम धामी ने मंगलवार को गांधी पार्क स्थित शहीद स्मारक स्थल पर कारगिल शहीदों श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। सीएम धामी का कहना हैं कि राज्य सरकार सैनिकों, पूर्व सैनिकों एवं उनके परिजनों के कल्याण के लिये वचनबद्ध है।
भारत की सेना ने अपने शौर्य और पराक्रम से हमेशा देश का मान बढ़ाया है। हमें अपने जवानों की वीरता पर गर्व है। भारतीय सेना के वीर जवानों ने कारगिल में विपरीत परिस्थितियों में भी दुश्मन को भागने पर मजबूर किया था। कारगिल युद्ध में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों के बलिदान को राष्ट्र हमेशा याद रखेगा।
वही कारगिल विजय दिवस ‘शौर्य दिवस’ के अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने भारतीय सेना के वीर शहीदों को नमन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। राज्यपाल ने अपने संदेश में कहा कि कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने अदम्य साहस, शौर्य और रणनीतिक कौशल का प्रदर्शन किया था।
इस विजय अभियान में भारतीय सेना के कई शूरवीरों ने देश के लिए अपना बलिदान दिया जिसमें देवभूमि उत्तराखंड के कई वीर सैनिक भी शामिल थे। राज्यपाल ने कहा कि शौर्य दिवस देश की सुरक्षा के लिए सीमा पर तैनात वीर सैनिकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन है। इन वीर जवानों के त्याग एवं बलिदान के कारण ही राष्ट्र की सीमाएं सुरक्षित हैं।