उत्तराखंड

विद्यार्थियों की सफलता से होती है परिश्रमी अध्यापकों की पहचान: सिमल्टी..

विद्यार्थियों की सफलता से होती है परिश्रमी अध्यापकों की पहचान: सिमल्टी..

संकुल कालीमठ में छात्र-शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन,

विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद अधिकांश शिक्षक कर रहे सराहनीय कार्य,

 

 

 

 

रुद्रप्रयाग। संकुल कालीमठ में आयोजित छात्र-शिक्षक सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के बोलते हुए रामनगर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व सचिव और वर्तमान में डायट रतूड़ा के प्राचार्य विनोद सिमल्टी ने कहा कि अच्छे परिश्रमी अध्यापकों की पहचान उनके विद्यार्थियों की सफलता से होती है। उन्होंने अध्यापकों का आहवान करते हुए कहा कि विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद भी अधिकांश शिक्षक सराहनीय कार्य कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि ऐसे मेहनती शिक्षकों की पहचान कर हम उन्हें सामूहिक रूप से प्रोत्साहित करें।

उन्होंने मेहनती शिक्षकों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि बच्चों को शिक्षा देना ऐसा निवेश है, जिसके परिणामों के लिए धैर्य के साथ लम्बा इन्तजार करना पड़ता है। इससे पूर्व राप्रावि कालीमठ के छात्रों ने सरस्वती वंदना के साथ स्वस्तिवाचन पाठ कर कार्यक्रम का वैदिक पद्धति से शुभारंभ किया। सम्मान समारोह के संयोजक संकुल कालीमठ के समन्वयक बंशीधर गौड़ ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कहा कि यह प्रसन्नता के क्षण है कि उनके प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, हाईस्कूल और इंटर कॉलेज के छात्रों को डायट प्राचार्य के हाथों सम्मानित होने का मौका मिला है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राउमावि कालीमठ के प्रधानाध्यापक वीरेन्द्र सिंह राणा ने कहा कि निश्चित ही इस तरह के कार्यक्रमों से छात्र और अध्यापक प्रेरित और प्रोत्साहित होकर बेहतर परिणाम हासिल करेंगे।

 

सम्मान समारोह में संकुल कालीमठ से संबंधित विद्यालयों के 534 होनहार छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वाले बच्चों को रूच्छ महादेव में साधना कर रहे साधक स्वामी भारद्वाज द्वारा भेंट स्वरूप पुरस्कार सामग्री प्रदान की गई। स्वामी भारद्वाज की ओर से संकुल से संबंधित सभी आंगनवाड़ियों में प्रवेशित बच्चों के लिए लेखन सामग्री उपहार स्वरूप भेंट की गई। समारोह में संकुल कालीमठ सहित ऊखीमठ क्षेत्र के 23 अध्यापकों, एक आंगनवाड़ी कार्यकत्री सहित ब्लॉक जखोली के शिक्षक सुहेब हुसैन और ब्लॉक अगस्त्यमुनि के शिक्षक हेमंत चैकियाल को सम्मानित किया गया। इन दोनों अध्यापकों को पूर्व में इस संकुल में दी गई अनुकर्णीय शिक्षण और शिक्षणेत्तर सेवाओं के लिए विशेष रूप से सम्मानित किया गया। चैकियाल को साराभाई टीचर साइन्टिस्ट राष्ट्रीय पुरस्कार के साथ शैलेश मटियानी राज्य शिक्षक सम्मान के लिए चयनित होने के लिए भी विशेष रूप से सम्मानित किया गया।

 

प्राचार्य विनोद कुमार सिमल्टी ने अध्यापकों को पुष्पाहार भेंट कर सम्मानित किया। प्रवक्ता दिनेश थपलियाल ने अपने संस्मरणों को साझा करते हुए कहा कि यह समय उनके शिक्षक जीवन का स्वर्णिम काल रहा है। कालीमठ में पूर्व में कार्यरत रहे वेंकट सेमवाल ने कहा कि यह कार्यक्रम बच्चों व शिक्षकों में उत्साह व उमंग पैदा करने का कार्य करेगा। कुणजेठी उप्रावि के प्रधानाध्यापक मोहनलाल शुक्ला ने ऐसे कार्यक्रमों के आयोजनों के निरन्तरता की आवश्यकता बताते हुए कहा कि सत्र के प्रारंभ में ही छात्रों व शिक्षकों के मनोबल बढ़ाने के लिए ऐसे कार्यक्रम सफल सिद्ध होंगे। समारोह में सम्मानित होने वाले अध्यापकों में राप्रावि निवत्तर (चैमासी) से दिनेश चन्द्र बैरवाण, राप्रावि चैमासी दर्शन सिंह बिष्ट, जालमल्ला से सुन्दर लाल, जाल तल्ला से सुनील कुमार, चिलौंड से मोहन लाल, स्यांसू से ममता देवशाली, कविल्ठा से उमाशंकर कण्डवाल, कुणजेठी मल्ली से जितेन्द्र राणा, कुणजेठी तल्ली से सज्जन कुमार, कालीमठ से हेमंत कुमार, उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कुणजेठी से मोहन लाल शुक्ला, ब्यूंखी से बीरू लाल टम्टा, चिलौंड से शैलेश चन्द्र देवशाली, स्यांसू से कुन्ती राणा, चैमासी से जय सिंह, राउमावि कालीमठ के मनोज भट्ट, राजेश भट्ट, वीरेन्द्र सिंह, दिनेश चन्द्र थपलियाल, राउप्रावि पैंज के भूपेन्द्र राणा, शल्या से मीनाक्षी नेगी, खड़िया से वेंकट सेमवाल और ललित वाजपेई, राइंका खुमेरा कुुंवर सिंह कोटवाल, आंगनवाड़ी कार्यकत्री अनीता राणा, सरिता राणा आदि प्रमुख थे। कार्यक्रम में राइंका कोटमा के प्रधानाचार्य शिवराज सिंह राणा, राउमावि जाल तल्ला के प्रधानाचार्य हरीश चन्द्र डिमरी, अरूण पुरोहित, राउमावि कालीमठ के प्रधानाध्यापक वीरेन्द्र सिंह राणा, अंजू तिवाड़ी, विपिन राणा, अंकित राणा, दिनेश धर्मवाण सहित डायट रतूड़ा के प्रवक्ता नरेन्द्र सिंह बिष्ट, राबाइका रुद्रप्रयाग की शोभा डोभाल सहित कालीमठ क्षेत्र के प्रसिद्ध ढोल वादक भगत लाल, पृथ्वी दास सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं व अभिभावक गण उपस्थित थे।

 

 

 

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