उत्तराखंड

मंदिर समिति अध्यक्ष के खिलाफ पत्रकारों ने सीएम से की मुलाकात..

मंदिर समिति अध्यक्ष के खिलाफ पत्रकारों ने सीएम से की मुलाकात..

कहा, सरकार में दायित्वधारी पत्रकारों को डराने का कर रहे काम..

विभिन्न संगठनों से जुड़े पत्रकारों ने सीएम से की मुलाकात..

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

रुद्रप्रयाग। श्री बद्री-केदार मंदिर समिति में व्याप्त धांधलियों को उजागर करने के बाद पत्रकार को नोटिस भेजे जाने पर रुद्रप्रयाग जिले के पत्रकारों ने सीएम पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। पत्रकारों ने कहा कि एक ओर मंदिर समिति पर विपक्षी पार्टी कांग्रेस आरोप लगा रही है और दूसरी तरफ मंदिर समिति के अध्यक्ष पत्रकारों को डराकर उन्हें नोटिस भिजवा रहे हैं। यहां तक कि पत्रकारों को फोन पर धमकाया भी जा रहा है, जिसके पुख्ता सबूत पत्रकारों के पास मौजूद हैं। भाजपा सरकार में पत्रकारों को डराने का काम किया जा रहा है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

बता दें कि शनिवार को श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के जिलाध्यक्ष नरेश भट्ट, महामंत्री प्रवीन सेमवाल, पूर्व जिलाध्यक्ष हरेन्द्र नेगी, जिला प्रेस क्लब के सचिव संदीप भटकोटी, स्टेट यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट पत्रकार संघ के जिलाध्यक्ष हरीश गुंसाई एवं महामंत्री रोहित डिमरी ने सीएम पुष्कर सिंह धामी के जनपद आगमन पर उनसे मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में पत्रकारों ने कहा कि श्री बद्री-केदार मंदिर समिति पर धांधलियों का आरोप लग रहें हैं। नियम विरूद्ध प्रमोशन कर अपने चहेतों को लाभ पहुंचाया जा रहा है, जबकि यात्राकाल में 70 से अधिक कर्मचारियों के ट्रांसफर किये गये हैं।

विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने बद्री-केदार मंदिर समिति पर आरोप लगाए, जिसको विभिन्न समाचार पत्रों के साथ पोर्टलों ने प्रकाशित किया। इसके बाद मंदिर समिति के अध्यक्ष बौंखला गए हैं और उन्होंने दिल्ली के एक अधिवक्ता के माध्यम से एक पत्रकार को नोटिस भिजवाया है। नोटिस में मंदिर समिति अध्यक्ष से माफी मांगने को कहा गया है। पत्रकारों ने सीएम से कहा कि प्रदेश में भाजपा की सरकार है और मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस है। भाजपा सरकार में बद्री-केदार मंदिर समिति अध्यक्ष का दायित्य अजेन्द्र अजय को सौंपा गया है और मुख्य विपक्षी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने प्रेस वार्ता तथा प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से साक्ष्यों के साथ मंदिर समिति पर आरोप लगाए हैं।

इसके बाद मंदिर समिति अध्यक्ष ने अपना जवाब देने के वजाय पत्रकारों को धमकाना शुरू कर दिया है। उनका एक आॅडियो भी पत्रकारों के पास है, जिसमें वे साफ तौर पर पत्रकारों को धमका रहे हैं और कह रहे हैं कि वे किसी को भी छोड़ने वाले नहीं हैं। पत्रकारों ने सीएम से कहा कि सरकार जिस किसी व्यक्ति को दायित्व सौंपती है, उसकी जिम्मेदारी बनती है कि उसके विभाग पर लग रहे आरोपों के बाद वह सही जानकारी मीडिया के सामने रखे और दूध का दूध और पानी का पानी करे। ऐसा नहीं कि मीडिया से भागते हुए उन्हें फोन करके डराने-धमकाने के साथ ही किसी अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस भेजा जाए।

वरिष्ठ पत्रकार हरेन्द्र नेगी ने सीएम से कहा कि जब आपके द्वारा यूके ट्रिपल एससी एवं विधानसभा में भर्ती घोटाले को लेकर कार्यवाही की जा रही थी। ठीक उसी समय विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने बद्री-केदार मंदिर समिति में कार्यरत समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय भटट द्वारा अपने भाई को स्वयंसेवक से लिपिक बनाने एवं नियम के विरूद्ध मंदिर समिति में प्रमोशन एवं तबादला एक्ट के खिलाफ स्थानान्तरणों के मामले उजागर किये गये।

जिनमें कि तथ्यों सहित बातों को रखा गया। समाज के चैथे स्तम्भ के रूप में कई समाचार पत्रों व पोर्टलों द्वारा खबर को प्रमुखता से उठाया गया, लेकिन मंदिर समिति अध्यक्ष ने रंजिशन दिल्ली के एक अधिवक्ता के माध्यम से एक पत्रकार को डराने के लिए नोटिस भेजा है, जो सरासर गलत है। इससे यह प्रतीत होता है कि मंदिर समिति अध्यक्ष अपनी गड़बड़ियों को छिपाने के लिए इस प्रकार के हथकंडों को अपनाकर पत्रकारों के हौंसलों को कमजोर करने की घृणित भावना रखते हैं। श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के जिलाध्यक्ष नरेश भट्ट ने कहा कि भाजपा सरकार में पत्रकारों को धमकाने जैसे कुकृत्य किया जा रहा है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

उन्होंने सीएम से कहा कि चारधाम यात्रा करोड़ों हिन्दुओं की आस्था का केन्द्र है और बद्री-केदार मंदिर समिति में इस प्रकार गलत तरीके से अपने भाई का प्रमोशन करना और नियम विरूद्ध स्थानान्तरण करने से उन कर्मचारियों को आहत करने का काम किया गया है, जो वर्षो से सच्ची निष्ठा के साथ मंदिर समिति में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मामले में शीघ्रता से कार्यवाही नहीं की गई तो विभिन्न संगठनों से जुड़े पत्रकार आंदोलन के लिए बाध्य हो जायेंगे।

 

 

 

 

 

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