उत्तराखंड

एसडीआरएफ ने खाली कराए घर, आंखों में आंसू और यादें समेटे निकल पड़े लोग

एसडीआरएफ ने खाली कराए घर, आंखों में आंसू और यादें समेटे निकल पड़े लोग..

 

 

 

 

 

 

जोशीमठ में 603 अलग-अलग इमारतों में दरारें आ गई हैं। जिन इमारतों को डेंजर जोन के तौर पर नामित किया गया था, उन्हें बंद कर दिया गया है। बता दे कि सुई गांव में एसडीआरएफ ने आज निवासियों को उनके घरों से निकालने का अभियान चलाया,

 

 

 

 

 

 

 

उत्तराखंड: जोशीमठ में 603 अलग-अलग इमारतों में दरारें आ गई हैं। जिन इमारतों को डेंजर जोन के तौर पर नामित किया गया था, उन्हें बंद कर दिया गया है। बता दे कि सुई गांव में एसडीआरएफ ने आज निवासियों को उनके घरों से निकालने का अभियान चलाया, जबकि मनोहर बाग में विस्थापितों ने खुद ही घरों को छोड़ना शुरू कर दिया। पीड़ित अपना सामान लेकर निकल पड़े हैं।

जोशीमठ से आज जारी हुई तस्वीरें हर किसी को भावुक कर रही हैं। लोग अपने घरों से आंसुओं में और दिल में यादें लेकर निकल रहे हैं। सीएम धामी के आदेश पर मुख्यमंत्री सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने जोशीमठ का दौरा किया और जिलाधिकारी हिमांशु खुराना को दो दिन के भीतर शहर की संरचनाओं और निवासियों की जानकारी जुटाने के निर्देश दिए। वहीं जल शक्ति मंत्रालय की हाई पावर कमेटी भी जोशीमठ पहुंच गई है।

शनिवार को जोशीमठ से अध्ययन करके लौटी विशेषज्ञ समिति ने शासन से उन भवनों को जल्द से जल्द गिराने की सिफारिश की है, जिनमें बहुत अधिक दरारें आ चुकी हैं। शासन ने ऐसे भवनों को गिराने का निर्णय ले लिया है। हालांकि, जल्दबाजी में कोई कदम उठाने से पहले हर पहलू पर विचार किया जा रहा है। जोशीमठ में 603 भवनों में दरारें आ चुकी हैं। यह सूचना प्रशासन को लोगों ने दी है। प्रभावितों की सूचना पर प्रशासन ने इन भवनों का मौका मुआयना भी कर लिया है। 67 परिवारों को अस्थायी स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया है।

शनिवार को जोशीमठ से अध्ययन कर लौटी विशेषज्ञ समिति ने सरकार से उन भवनों को जल्द से जल्द गिराने की सिफारिश की है, जिनमें काफी दरारें आ गई हैं. सरकार ने ऐसी इमारतों को गिराने का फैसला किया है। हालांकि जल्दबाजी में कोई भी कदम उठाने से पहले हर पहलू पर विचार किया जा रहा है। जोशीमठ के 603 भवनों में दरारें आ चुकी हैं। इसकी जानकारी प्रशासन को दे दी है। प्रभावितों की सूचना पर प्रशासन ने मौके पर इन भवनों का निरीक्षण भी किया है। 67 परिवारों को अस्थाई स्थानों पर शिफ्ट किया गया है।

 

 

 

 

 

 

 

 

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