उत्तराखंड

जोशीमठ-मलारी हाईवे 10वें दिन भी बंद..

टनकपुर-चंपावत एनएच पर स्वांला में आया भारी मलबा..

चिनूक से की जा रही सैन्य जरूरतों की आपूर्ति..

 

 

उत्तराखंड: चमोली जिले में चीन सीमा से जोड़ने वाला मलारी हाईवे दसवें दिन भी ठप है। वहीं कुमाऊं में टनकपुर-चंपावत के बीच स्वांला में पहाड़ से भारी मलबा आने से सड़क बंद हो गई है। वही नीती घाटी में कोहरा होने के कारण अभी तक मलारी में हेली रेस्क्यू शुरू नहीं हो पाया है। मलारी हाईवे पर चट्टान से फिलहाल पत्थरों का छिटकना बंद है। बीआरओ की जेसीबी मशीनें हाईवे को खोलने में जुट गई हैं।

 

मौके पर मौजूद जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोर जोशी का कहना हैं कि नीती घाटी के ग्रामीणों की आवाजाही के लिए प्रभावित क्षेत्र में पैदल रास्ता भी बना लिया गया है। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें ग्रामीणों को सुरक्षित आवाजाही करा रहीं हैं। उनका कहना हैं कि यदि मौसम ने साथ दिया तो मंगलवार तक हाईवे को सुचारू कर लिया जाएगा। बद्रीनाथ हाईवे सुचारू है। रविवार रात को चमोली जनपद में बारिश हुई। हालांकि सोमवार को फिलहाल मौसम सामान्य बना हुआ है। चमोली जनपद में भूस्खलन से अभी भी सात संपर्क मोटर मार्ग अवरूद्ध हैं।

 

वहीं रविवार देर शाम तक बीआरओ ने नीती घाटी के 50 ग्रामीणों को पैदल रास्ते से आवाजाही कराकर गंतव्य को भेजा। हालांकि हाईवे बंद होने से नीती घाटी के 16 गांवों के करीब 400 ग्रामीण अभी भी अपने गांवों में ही कैद हैं। वहीं 10 दिन बाद मलारी हाईवे न खुलने के बाद नीति घाटी के ग्रामीणों ने जुलूस निकाला। जिसके बाद प्रदर्शनकारी तहसील परिसर में ठाकुर सिंह राणा ने आमरण अनशन शुरू कर दिया।

मलारी हाईवे बंद होने से चीन सीमा पर मुस्तैद सेना के जवानों की आवाजाही और जरूरी सामग्री की सप्लाई चिनूक के माध्यम से की जा रही है। जोशीमठ से चिनूक सामग्री लेकर सीमा क्षेत्र में पहुंच रहा है। रविवार को भी चिनूक ने जोशीमठ से सीमा क्षेत्र के लिए उड़ान भरी।

 

 

 

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