उत्तराखंड

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जोशीमठ का मामला..

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जोशीमठ का मामला..

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने की PIL दाखिल..

 

 

 

 

 

 

जोशीमठ भूस्खलन से संबंधित जनहित याचिका ज्योतिषपीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने अपने वकील के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पीआईएल दाखिल की है।

 

 

 

 

 

 

उत्तराखंड: जोशीमठ भूस्खलन से संबंधित जनहित याचिका ज्योतिषपीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने अपने वकील के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पीआईएल दाखिल की है। उनका कहना हैं कि जोशीमठ में हो रहे भूस्खलन से ज्योतिर्मठ भी प्रभावित हो रहा है। उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि भूस्खलन प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए शीघ्र कार्रवाई की जाए और उनके पुनर्वास की समुचित व्यवस्था की योजना विकसित की जाए।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज का कहना हैं कि पिछले एक साल से जमीन धंसने के संकेत मिल रहे हैं। लेकिन समय पर इसकी सुध नहीं ली गई। जोशीमठ भूमि धंसने की घटना काफी चिंतित करने वाली है। ऐतिहासिक एवं पौराणिक सांस्कृतिक नगर जोशीमठ संकट में है।

भूस्खलन एक सप्ताह से 500 से अधिक घरों को प्रभावित कर रहा है। घरों में अब दरारें आ गई हैं। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि हिमालय में जो कुछ हो रहा है, उस पर चिंता लंबे समय से व्यक्त की जा रही थी। इसे लगातार नजरअंदाज करने का असर अब दिखने लगा है। पृथ्वी के अवतलन के लिए विभिन्न स्पष्टीकरण प्रस्तुत किए जाते हैं। उन्होंने सिफारिश की कि प्रशासन सटीक कारण का पता लगाए।

शंकराचार्य ने कहा कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जोशीमठ के हालातों की जानकारी देंगे, ताकि सकारात्मक पहल हो सके। प्राथमिकता से पीड़ितों का पुनर्वास कराया जा सके। उन्होंने कहा कि उनके सभी कार्यक्रम स्थगित हो गए हैं। शनिवार को वह स्वयं प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करने जोशीमठ जाएंगे।

 

 

 

 

 

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