उत्तराखंड

10 अक्तूबर से जमरानी बांध परियोजना प्रभावित परिवारों के घर जाकर सर्वेक्षण करेगी सिंचाई विभाग की टीम…

10 अक्तूबर से जमरानी बांध परियोजना प्रभावित परिवारों के घर जाकर सर्वेक्षण करेगी सिंचाई विभाग की टीम..

 

 

 

 

 

 

 

 

 

जमरानी बांध परियोजना पीड़ितों के लिए सिंचाई विभाग ने धारा 16 के पुनर्वास के प्रयास तेज कर दिए हैं। 10 अक्टूबर से सिंचाई विभाग की टीम प्रभावित लोगों के घर जाएगी। जिसमे प्रभावित परिवारों के घर जाकर सर्वेक्षण करेगी।

 

 

उत्तराखंड: जमरानी बांध परियोजना पीड़ितों के लिए सिंचाई विभाग ने धारा 16 के पुनर्वास के प्रयास तेज कर दिए हैं। 10 अक्टूबर से सिंचाई विभाग की टीम प्रभावित लोगों के घर जाएगी। जिसमे प्रभावित परिवारों के घर जाकर सर्वेक्षण करेगी। तिलवाड़ी के बाद मुरखुरिया गांव में सर्वे किया जाएगा। प्रभावित ग्रामीणों को इस दौरान अपने राशन कार्ड, आधार कार्ड, ऊर्जा बिल आदि सहित आवश्यक कागजी कार्रवाई प्रस्तुत करनी होगी।

बहुप्रतीक्षित जमरानी बांध परियोजना के विकास से छह गांवों के 1327 परिवारों पर असर पड़ेगा। दिसंबर तक धारा 16 की पुनर्वास संबंधी कार्रवाई पूरी की जानी है। इसके लिए सिंचाई विभाग तैयार है। धारा 16 के तहत प्रभावित परिवारों को उन पेड़ों, इमारतों और संपत्ति से अवगत कराया जाएगा जो सभी प्रभावित हैं। उसके बाद धारा 17, 18 की कार्रवाई की जाएगी। इसमें वेबसाइटों और दैनिक समाचार पत्रों के माध्यम से योजना के तहत अधिकृत पुनर्वास और पुनर्वास योजना को बढ़ावा देना शामिल होगा। साथ ही योजना का पुनर्वालोकन कर कमियों को दूर किया जाएगा।

 

परियोजना प्रबंधक हिमांशु पंत के अनुसार तिलवाड़ी गांव में सोमवार से प्रभावित लोगों का घर-घर जाकर सर्वे किया जाएगा। ग्रामीणों को प्रभावित बुनियादी ढांचे, पेड़ों और संपत्ति पर पारदर्शी जानकारी प्राप्त होगी। व्यवस्था के विकास के लिए ग्रामीणों से आवश्यक दस्तावेज जैसे राशन कार्ड, आधार कार्ड, ऊर्जा बिल आदि मांगे जाएंगे।

प्राग फार्म में पुनर्वास की प्लानिंग का कार्य जल्द होगा शुरू

जमरानी बांध प्रभावितों को किच्छा के प्राग फार्म में विस्थापित करने की कवायद शुरु हो गई है। परियोजना प्रबंधक हिमांशु पंत का कहना हैं कि प्राग फार्म की भूमि में टाउन प्लानर के माध्यम से पुनर्वास की प्लानिंग का कार्य एक हफ्ते के भीतर शुरू किया जाएगा जिसे 4 माह के भीतर पूर्ण कर लिया जाएगा। इसके तहत सड़क, स्कूल, पानी, खेल का मैदान, पार्क, सिंचाई की सुविधा, प्रभावितों को बसाने आदि की प्लानिंग तैयार की जाएगी।

 

 

 

 

 

 

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