उत्तराखंड

शोपियां में शहीद हुए उत्तराखंड के जवान का पार्थिव शरीर गांव पहुंचते ही निकल पड़ी चीखें..

शोपियां में शहीद हुए उत्तराखंड के जवान का पार्थिव शरीर गांव पहुंचते ही निकल पड़ी चीखें..

श्रद्धांजलि देने उमड़ा गांव..

 

 

 

 

 

जम्मू-कश्मीर के शोपियां क्षेत्र में दुश्मनों से लोहा लेते हुए गुरुवार को शहीद हुए उत्तराखंड के जवान का पार्थिव शहीर गांव पहुंचे ही चीखें निकल पड़ी। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की तलाश में चल रहे अभियान के दौरान हुए विस्फोट में प्रवीन गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

उत्तराखंड: जम्मू-कश्मीर के शोपियां क्षेत्र में दुश्मनों से लोहा लेते हुए गुरुवार को शहीद हुए उत्तराखंड के जवान का पार्थिव शहीर गांव पहुंचे ही चीखें निकल पड़ी। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की तलाश में चल रहे अभियान के दौरान हुए विस्फोट में प्रवीन गंभीर रूप से घायल हो गए थे। बता दे कि गुरूवार तड़के सेना को शोपियां जिले के पतितुहलान और छोटीपुरा के बीच आतंकियों के छिपे होने सूचना मिली थी।

 

आतंकियों की धरपकड़ के लिए राष्ट्रीय राइफल की टुकड़ी ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। सेना की टुकड़ी सेधाऊ बाजार पहुंची तो वहां अचानक धमाका हो गया। जिसमें गढ़वाल राइफल के जवान प्रवीन सिंह (32) पुत्र प्रताप सिंह निवासी ग्राम पुंडोली पट्टी, नैलचामी भिलंगना के साथ कई अन्य जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल सैनिकों को श्रीनगर ले जाया गया और वहां से उन्हें एयर एंबुलेंस से सैन्य अस्पताल उधमपुर ले जाया गया। अस्पताल में इलाज के दौरान प्रवीन सिंह शहीद हो गए।

 

जिला सैनिक कल्याण अधिकारी जीएस चंद का कहना हैं कि शहीद का पार्थिव शरीर शुक्रवार देर शाम को विशेष विमान से जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचाया गया था। पैतृक घाट पर सैन्य सम्मान के साथ शहीद को अंतिम विदाई दी गई। गांव के लाल को तिरंगे में लिपटा देख हर आंख भर आई। बेटे की शहादत की सूचना मिलने के बाद ही गांव में मातम पसर गया था। शहीद के माता-पिता और पत्नी गहरे सदमे में हैं। शहीद प्रवीन सिंह 23 मई को ही छुट्टी से ड्यूटी पर लौटे थे। पुंडोली गांव निवासी प्रवीन वर्ष 2011 में 15वीं गढ़वाल राइफल में भर्ती हुए थे। इन दिनों वे राष्ट्रीय राइफल में तैनात थे।

 

 

 

 

 

 

 

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